मोटे अनाज के सेवन से दूर होती है बहुत सी बीमारियां: मुकेश राजपूत
फर्रुखाबाद: क्रिश्चियन कॉलेज के ग्राउंड में आयोजित स्वदेशी मेला (Swadeshi Mela) में उत्तर प्रदेश मिलेट्स (श्री अन्न) पुनरोद्धार योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय मिलेट्स मेला एवं प्रदर्शनी व रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर डा सतेंद्र प्रताप सिंह ने मोटे अनाजों से संबंधित जानकारी दी गई। उन्होंने किसानों से मोटे अनाजों के उत्पादन पर बल दिया ।
डा अरविन्द कुमार ने कहा हम लोग पुराने समय में मोटे अनाज रागी,मंडुवा, ज्वार, बाजरा, कंगनी आदि पैदा करते थे तब कोई बीमारी नहीं आती थी जब से मिलेट्स अनाजों को पैदा करना छोड़ दिया,तभी से घातक बीमारियों ने घेर लिया, यह मोटे अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं इन मोटे अनाजों के पैदा करने में बहुत ही कम लागत आती है।
मुख्य अतिथि सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि मिलेट्स यानी मोटे अनाज रागी,ज्वार, बाजरा,कोदों, सांवा,कुकनी आदि खाने से शुगर,बीपी, मोटापा, हार्टअटैक, कैंसर आदि बीमारियों पर नियन्त्रण होता है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रत्येक व्यक्ति की थाली में मिलेट्स अनाज हो ताकि कम से कम बीमारी हो इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने श्री अन्न योजना को विकसित करने के लिए मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने फसल बीमा करवाने हेतु किसानों से अपील की।
सांसद ने कहा हम कि सरकार ने जीएसटी को घटा दिया है जिससे बहुत सी चीजें सस्ती हो गई हैं आगे कहा कि 2014 से पहले वाले प्रधानमंत्री मजबूर प्रधानमंत्री होते थे हमारे प्रधानमंत्री मजबूत प्रधानमंत्री हैं जो झुकने वाले नहीं झुकाने वाले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मात्र 22 मिनट में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था और कहा कि किसानों को खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और बताया कि खाद पर जीएसटी लागू नहीं होती है।
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि श्रीयां योजना का लाभ उठाएं श्री यंत्र के सेवन से बहुत सी बीमारियां नहीं होती हैं उन्होंने कहा कि वर्तमान में कैंसर और हार्ड जैसी बीमारियां काफी हो रही हैं इन पर नियंत्रण के लिए श्रीहन का सेवन करना बहुत जरूरी है उन्होंने कहा कि जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है यदि कोई खाद नहीं देता है तो उसकी सीधे शिकायत करें।
पर्यावरण विद डा गुंजन जैन ने किसानों से कहा कि आप मिट्टी की जांच अवश्य करवा कर फसल करें जिससे कम खर्च में ज्यादा उत्पादन मिले और पराली को न जलाकर उसकी खाद बनाएं , डा महेंद्र सिंह, सतेंद्र प्रताप सिंह, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी अनिल कुमार अनूप तिवारी संजीव राजपूत, छोटेलाल, किसान नेता अरविन्द राजपूत,हरनाम सिंह सुखराम,हरनाथ सिंह, हरिलाल राजपूत शिवराम सिंह आदि मौजूद रहे।


