नई दिल्ली। देशभर में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार (गृह मंत्रालय के सचिव), सीबीआई, हरियाणा सरकार और अंबाला के साइबर क्राइम विभाग को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीशों के फर्जी हस्ताक्षरों से जारी किए जा रहे फर्जी न्यायिक आदेश न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास की नींव को हिला देते हैं। यह न केवल कानून के शासन पर हमला है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सीधा प्रहार है।
इस मामले की शुरुआत एक वरिष्ठ नागरिक दंपति की शिकायत से हुई थी, जिनसे पिछले महीने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के जरिए उनकी जीवनभर की कमाई ठग ली गई थी। इस गंभीर घटना को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस पर संज्ञान लिया।
कोर्ट ने हरियाणा सरकार और अंबाला साइबर क्राइम के एसपी से अब तक हुई जांच की स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के साइबर अपराधों पर सख्त कदम उठाना जरूरी है, ताकि लोगों का भरोसा डिजिटल व्यवस्था और न्यायिक संस्थानों पर बना रहे।





