नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में स्थित मदनी मस्जिद (Madni Masjid) पर बीते दिनों प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद पक्ष की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब जिम्मेदार अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी किया है। साथ ही अधिकारियों से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ना जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक कोई तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। यानी कुशीनगर जिला प्रशासन का बुलडोजर अगले आदेश तक खामोश रहेगा।
दरअसल, मस्जिद के एक हिस्से को अवैध बताकर गिराए जाने के लिए उत्तरदायी उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि मदनी मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन 13 नवंबर, 2024 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है।
कुशीनगर मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन
बता दें कि नवंबर 2024 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सूचना और सुनवाई का अवसर दिए बिना देश भर में तोड़फोड़ या बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी। इसको लेकर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की थी।
अब कुशीनगर की मदनी मस्जिद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम फिर से आदेश दे रहे हैं कि ऐसा कोई भी कदम हमारे आदेशों का उल्लंघन होगा। कोर्ट ने डीएम समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अवमानना करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मालूम हो कि मदनी मस्जिद के खिलाफ 9 फरवरी को बुलडोजर एक्शन हुआ था। प्रशासन ने मदनी मस्जिद के अवैध हिस्सों को गिरा दिया था। इस घटना पर खूब हंगामा हुआ था और विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा था। सपा और कांग्रेस के नेताओं ने मस्जिद के लोगों से मुलाकात की थी।