बसपा शासनकाल में दर्ज फर्जी पते पर लाइसेंस मामले में ट्रायल पर रोक, अधिवक्ता की मजबूत पैरवी का असर
मिर्जापुर/लखनऊ: मिर्जापुर के पूर्व सांसद बालकुमार पटेल (Balkumar Patel) को Supreme Court ने बड़ी राहत दी है। यह मामला बसपा शासनकाल में रायबरेली सदर कोतवाली में दर्ज फर्जी पते पर लाइसेंस लेने से संबंधित था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे पर फिलहाल ट्रायल पर रोक लगा दी है, जिससे पूर्व सांसद को न्यायिक प्रक्रिया में बड़ी राहत मिली है। यह फैसला बालकुमार पटेल के लिए लंबित मामलों और भविष्य की कानूनी चुनौतियों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बालकुमार पटेल की पैरवी अधिवक्ता बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी ने की। उन्होंने न्यायालय में पूर्व सांसद का पक्ष मजबूती से रखा और सभी कानूनी पहलुओं को स्पष्ट किया। तिवारी की कड़ी और प्रभावी पैरवी के कारण सुप्रीम कोर्ट ने बालकुमार पटेल के पक्ष में राहत देने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद बालकुमार पटेल को फर्जी पते पर लाइसेंसी असलहे के मामले में दर्ज मुकदमे पर फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं होगी।
अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला पूर्व सांसद के राजनीतिक करियर और कानूनी सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रायल पर रोक लगाने का मतलब यह है कि निचली अदालतों में इस मामले में कोई सुनवाई फिलहाल नहीं होगी, जिससे बालकुमार पटेल को समय मिलेगा और उनके वकीलों को मामले की तैयारी करने का अवसर मिलेगा। बालकुमार पटेल के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और इसे पूर्व सांसद के पक्ष में न्यायिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।