फर्रुखाबाद: परंपरागत कृषि विधियों के अंतर्गत की जाने वाली ग्रीष्मकालीन जुताई किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसानों को इसके लाभों की जानकारी दी है और समय रहते गहरी जुताई करने की सलाह दी है।
उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन जुताई से भूमि की संरचना में सुधार आता है और जलधारण क्षमता बढ़ती है, जिससे आने वाले खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त परिस्थितियां तैयार होती हैं। गहरी जुताई मानसून के पूर्व की जाती है और यह खेत की उपज क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है।
ग्रीष्मकालीन जुताई के मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:
मिट्टी की संरचना में सुधार और जलधारण क्षमता में वृद्धि होती है। खेत के कठोर परत को तोड़कर जड़ों के विकास के लिए अनुकूल परिस्थिति बनती है।पिछली फसल के अवशेष दबने से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है , हानिकारक कीट, उनकी अंडियाँ और लार्वा नष्ट हो जाते हैं।हानिकारक सूक्ष्मजीव जैसे फफूंदी व रोगाणु भी समाप्त हो जाते हैं।जमीन में वायु संचरण बढ़ने से लाभकारी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि होती है।पिछले फसलों की बची हुई जड़ें और कीट नष्ट हो जाते हैं।
कीट प्रबंधन के लिए संपर्क करें:
किसान भाई किसी भी फसल में कीट या रोग के नियंत्रण हेतु अपने क्षेत्रीय कृषि रक्षा कार्यालय, तकनीकी सहायक, या पीपी मोबाइल एप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए किसान पीपीआईएनएसएआरएस ऐप डाउनलोड कर सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 9452247111, 9452257111 पर संपर्क कर सकते है।