वर्दीवालों की हैवानियत ने ले ली एक और जान, सांसद प्रतिनिधि समेत 5 पर हत्या का मुकदमा
फर्रुखाबाद: यूपी पुलिस की क्रूरता, सियासी संरक्षण और रिश्वतखोरी का खौफनाक गठजोड़ उजागर हो गया है। मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के नगला छेदा निवासी दिलीप कुमार राजपूत (Dilip Kumar Rajput) ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसे चौकी में पीट-पीटकर और अपमानित कर मरने को मजबूर किया गया।सबसे हैरान कर देने वाली बात यह रही कि दिलीप ने अपनी ही पैंट पर सुसाइड नोट (Suicide note) लिखा, जिसमें उसने अपने ससुराल पक्ष के लोगों के साथ पुलिसकर्मियों और एक सांसद प्रतिनिधि को जिम्मेदार ठहराया।
दिलीप के लिखे सुसाइड नोट और परिजनों की तहरीर के आधार पर ससुर बनवारी लाल, साला राजू, जहानगंज के सांसद प्रतिनिधि आलूपुर निवासी रजनेश राजपूत, और हथियापुर चौकी के आरक्षी यशवंत यादव व महेश उपाध्याय के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।परिजनों का आरोप है कि दिलीप को हथियापुर पुलिस चौकी पर बुलाया गया, जहां पिटाई कर अपमानित किया गया और रिहा करने के लिए अवैध वसूली की गई। चौकी से छूटने के बाद वह मानसिक रूप से टूट गया और घर लौटकर फांसी लगा ली।
घटना के बाद एएसपी डॉ. संजय कुमार सिंह, सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन परिजनों और ग्रामीणों ने शव उठाने से इनकार कर दिया। उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की।थाना मऊदरवाजा प्रभारी बलराज भाटी ने बताया कि पांच लोगों के खिलाफ तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जिसमें सांसद प्रतिनिधि और दो सिपाही भी शामिल हैं।अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह ने इसे घरेलू विवाद का मामला बताया, लेकिन जब सुसाइड नोट खुद बोले कि कौन जिम्मेदार है, तब अफसरों की सफाई और भी संदेह पैदा करती है।