जनजीवन अस्त-व्यस्त, मौसम विभाग ने जताई और दो-तीन दिन तक राहत न मिलने की आशंका
फर्रुखाबाद: पिछले एक सप्ताह से फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में जारी भीषण गर्मी (extreme heat) ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। दिन हो या रात, गर्मी (Heat) की तपिश से न तो घर राहत दे रहे हैं और न ही बाहर कोई ठंडी हवा। हालत यह है कि घरों में लगे एसी और कूलर भी जवाब दे चुके हैं, और पंखे गर्म हवा फेंक रहे हैं। गुरुवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे सड़कों पर सन्नाटा छा गया और लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।
मौसम विभाग के अनुसार फर्रुखाबाद में बीते चार दिनों से अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। न्यूनतम तापमान भी 31 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है, जिससे रातों की नींद भी मुश्किल हो गई है।
आज तक अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान
9 जून 43.6°C 30.8°C
10 जून 44.1°C 31.2°C
11 जून 44.8°C 31.6°C
12 जून 45.0°C 31.9°कॉल रहा।
शहर के आवास विकास, नेकपुर, रेलवे कॉलोनी, नवाबगंज और जहानगंज जैसे इलाकों में लोग बिजली कटौती और अधिक गर्मी के चलते एसी और कूलर बेअसर होते देख रहे हैं। अधिकांश लोगों ने बताया कि कूलर की हवा इतनी गर्म है कि वह आग की भट्टी का अनुभव करवा रही है। सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी भी गर्मी से व्याकुल हैं। छायादार जगहों की तलाश में आवारा पशु सड़कों के किनारे पड़े नजर आ रहे हैं, जबकि पक्षी पानी की तलाश में छतों और गमलों के पास मंडराते देखे जा सकते हैं।
गर्मी के कारण पानी की मांग तीन गुना तक बढ़ गई है। जल संस्थान के अनुसार प्रतिदिन औसतन 60 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है, जो सामान्य दिनों से दोगुना है। अधिक गर्मी के चलते डिहाइड्रेशन, लू और त्वचा की जलन के मामलों में भी इजाफा दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिन तक कोई विशेष राहत न मिलने की चेतावनी दी है। विभाग के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी न तो कोई बड़ा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है और न ही मानसून की कोई संभावना है। अगले 72 घंटों तक दिन में तेज़ धूप और रात में भारी उमस बनी रहेगी।
स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल स्टॉल, प्याऊ और टैंकरों की व्यवस्था की जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी लू से बचाव के लिए जनजागरूकता अभियान तेज करने की जरूरत है। घर से निकलते समय छाता, टोपी और पानी की बोतल अवश्य रखें। बुजुर्गों और बच्चों को दोपहर के समय बाहर न निकलने दें। शरीर को ठंडा रखने वाले पेय (ORS, नींबू पानी) का सेवन करें। पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करें।