- गन्ना उत्पादन की नवोन्मेषी तकनीकियो पर मास्टर्स ट्रेनर को किया गया प्रशिक्षित
- किसानो को कम लागत एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का हुनर सिखाएगें प्रशिक्षक
- परिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करें किसान
- मुख्यमंत्री गन्ना कृषक तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम कटिया में आयोजित
सीतापुर। गन्ना विकास विभाग, सीतापुर के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर परिसर में मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत तीन दिवसीय द्वितीय बैच का प्रशिक्षण शिविर सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जनपद के गन्ना प्रक्षेत्र अधिकारियों, गन्ना पर्यवेक्षकों एवं प्रगतिशील कृषकों को उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों से दक्ष बनाना था, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कृषकों को नवीनतम कृषि विधियों से लाभान्वित कर सकें।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए जिला गन्ना अधिकारी श्री रत्नेश्वर त्रिपाठी ने कहा, “आज का गन्ना उत्पादन केवल परंपरा का निर्वहन नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सोच और तकनीकी नवाचारों के समन्वय का परिणाम है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से कृषकों को बदलते परिदृश्य में उत्पादन एवं आय बढ़ाने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।”
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दया एस. श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में टिकाऊ कृषि तकनीकों को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि, “कम लागत में उच्च गुणवत्ता प्राप्त करना तभी संभव है जब हम पर्यावरण अनुकूल एवं समन्वित प्रबंधन विधियों को अपनाएं।”
प्रशिक्षण सत्रों के दौरान डॉ. आनंद सिंह एवं श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह सहित कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा गन्ना उत्पादन की नवीनतम तकनीकी विधियाँ, मृदा उर्वरता प्रबंधन, जैविक खेती, समेकित कीट नियंत्रण तथा जल प्रबंधन विषयों पर व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। प्रतिभागियों ने गहन रुचि के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया और तकनीकी पहलुओं पर संवाद स्थापित किया।
कार्यक्रम में डॉ. संजीव पाठक (वरिष्ठ वैज्ञानिक/कृषि प्रसार अधिकारी), डॉ. अनिल कुमार सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक, उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान, शाहजहाँपुर), डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव (वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया), डॉ. सुनील कुमार कन्नौजिया, डॉ. प्रवीण कुमार कपिल, डॉ. अरुण कुमार सिंह, श्री शिवचंद्र शुक्ला (प्रक्षेत्र प्रबंधक, इफको, सीतापुर) तथा श्रीमती दीपशिखा ने विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किए एवं अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को वैज्ञानिक गन्ना खेती, जैविक विधियाँ, उन्नत सिंचाई तकनीकें, फसल विविधीकरण एवं कृषक-मिल समन्वय जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर कृषकों में नवाचारों को अपनाने के प्रति उत्साह एवं जागरूकता का स्पष्ट वातावरण देखा गया। प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान को अपने प्रक्षेत्रों में लागू करने के संकल्प के साथ प्रशिक्षण का समापन किया।