प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के विवादित फैसलों को लेकर प्रयागराज में छात्र आंदोलन और अधिक उग्र होता जा रहा है। छात्रों का प्रदर्शन रातभर जारी रहा, जिसमें सैकड़ों प्रतियोगी छात्र एकजुट होकर नारेबाजी करते दिखे। प्रदर्शन का मुख्य नारा ‘न बटेंगे न हटेंगे’ बन गया है, जिसे छात्रों ने अपने समर्थन में हजारों पर्चों पर छपवाकर धरना स्थल पर वितरित किया। यह नारा UPPSC के प्रति छात्रों की नाराजगी को दर्शाता है।
पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर हिरासत में
प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने के लिए प्रयागराज पहुंचे पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जानकारी के अनुसार, वे प्रयाग इंटरसिटी से प्रयाग स्टेशन पहुंचे थे, जहां से पुलिस ने उन्हें कटरा चौकी ले जाकर रोका। छात्रों ने ठाकुर की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई और इसे प्रशासन का दमनकारी कदम बताया।
छात्रों की मांगें
छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे तब तक पीछे हटने वाले नहीं हैं जब तक कि UPPSC परीक्षा में दो दिन का निर्धारण और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को निरस्त करने का नोटिस जारी नहीं कर दिया जाता। हाथों में तख्तियां लिए, जिन पर उनके नाराजगी के नारे लिखे थे, छात्रों ने आयोग को चुनौती दी कि उनकी मांगें माने बिना उन्हें हटाया नहीं जा सकता।
शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन
छात्रों के इस आंदोलन में किसी भी छात्र संगठन या राजनीतिक दल का झंडा नहीं दिखा। वे सिर्फ तिरंगा लहराते हुए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। धरना स्थल पर शहीद चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और महात्मा गांधी की तस्वीरें लहराई जा रही थीं, जो उनके शांतिपूर्ण आंदोलन का प्रतीक हैं। छात्रों ने बार-बार दोहराया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन के समझाने पर भी नहीं बनी बात
रात में प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और जिलाधिकारी रविंद्र मांदड़ भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने छात्रों से अपील की कि वे आंदोलन को समाप्त करें, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे और पीछे हटने से इनकार कर दिया।
प्रयागराज का यह आंदोलन अब एक बड़ी चुनौती बन गया है और यूपीपीएससी के खिलाफ छात्रों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन और आयोग के सामने यह एक कठिन स्थिति बन चुकी है, जिसमें छात्रों के दृढ़ निश्चय को तोड़ना मुश्किल हो रहा है।