लखनऊ: वीरांगना ऊदा देवी (Veerangana Uda Devi) के शहादत दिवस पर राजधानी Lucknow में आयोजित भव्य मूर्ति आवरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपस्थिति जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका अतुलनीय रही है, और ऊदा देवी का बलिदान उनमें सबसे प्रेरणादायी उदाहरण है।
नेताओं ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का हृदय से अभिनंदन करते हुए कहा कि 16 नवंबर 1857 को ऊदा देवी ने पीपल के पेड़ पर चढ़कर 36 अंग्रेज सैनिकों का सफाया कर दिया था। उनका यह साहसिक और अद्वितीय कृत्य भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की गौरवपूर्ण धरोहर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ स्थित बिजली पासी किला के सौंदर्यीकरण तथा लाइट–साउंड शो की परियोजना को डबल इंजन सरकार ने तेजी से आगे बढ़ाया है, ताकि वीरांगना ऊदा देवी और पासी समुदाय के योगदान को सम्मानपूर्वक संरक्षित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में PAC की तीन नई महिला बटालियन का गठन किया गया है, जिनमें से एक का नाम वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा 18 जनपदों में 18 अटल आवासीय विद्यालय बनाए गए हैं, जहां श्रमिकों के बच्चों के निःशुल्क आवास, भोजन और शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
अपने संबोधन में नेताओं ने कहा कि जब ऊदा देवी ने अपने पति का निष्प्राण शरीर देखा, तब भी उनकी हिम्मत नहीं टूटी। उनकी शहादत पर ब्रिटिश अधिकारियों ने भी हैट उतारकर सलामी दी थी—यह उनके शौर्य की सर्वोच्च मान्यता थी।
वक्ताओं ने कहा कि पासी समुदाय ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया, लेकिन इतिहास में उनके योगदान को वह स्थान नहीं मिला जिसके वे अधिकारी थे। मुगलकाल के इतिहास को बढ़ा-चढ़ाकर लिखने वालों ने पासी समाज की वीरता का उल्लेख नहीं किया, लेकिन आज योगी सरकार ने इस गौरव को पुनर्जीवित करने का काम किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे आयोजन प्रतिवर्ष होने चाहिए, ताकि नई पीढ़ी ऊदा देवी जैसी वीरांगनाओं से प्रेरणा ले सके और राष्ट्रसेवा की भावना मजबूत हो।


