– मुख्यमंत्री धामी ने की अस्पताल में घायलों से मुलाकात,
– मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
हरिद्वार: प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi temple) में रविवार सुबह 9:15 बजे हुए एक दर्दनाक हादसे में भगदड़ मच जाने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 29 लोग घायल (injured) हो गए। हादसा मंदिर परिसर से लगभग 25 सीढ़ियां पहले हुआ, जब भारी भीड़ के बीच अचानक अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दर्शन के लिए मंदिर की ओर बढ़ते समय कुछ लोगों ने भीड़ में जल्दी आगे बढ़ने की कोशिश में वहां लगे तारों का सहारा लिया।
इसी दौरान कुछ तारों के छिल जाने के बाद उनमें करंट उतरने की अफवाह फैली, जिससे भगदड़ मच गई और कई श्रद्धालु सीढ़ियों पर गिरकर घायल हो गए। हालांकि, हरिद्वार पुलिस ने करंट फैलने की बात को सिरे से खारिज करते हुए इसे अफवाह बताया है।
गढ़वाल मंडल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने हादसे के पीछे भारी भीड़ को कारण बताया है। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि कुल 35 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया था, जिनमें से छह की मौत हो गई, बाकी घायलों का इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से उपचार की जानकारी ली। धामी ने कहा- घायलों का इलाज चल रहा है। कुछ को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। हमारी प्राथमिकता है कि उन्हें अच्छा इलाज मिले और वे जल्द ठीक हो जाएं। टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपए तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार की शिवालिक पहाड़ियों पर बिल्व पर्वत पर स्थित है, जो हर की पौड़ी से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है। यहां आने के लिए श्रद्धालु लगभग 800 सीढ़ियां चढ़ते हैं या फिर रोपवे का सहारा लेते हैं। हादसे के वक्त मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मंदिर के महंत रवींद्र पुरी ने स्पष्ट किया कि हादसा मंदिर परिसर में नहीं बल्कि उसके बाहर सीढ़ियों वाले रास्ते में हुआ। उन्होंने बताया कि मंदिर की ओर आने वाले तीन रास्तों में से एक पर बारिश के कारण फिसलन हो गई थी, जिससे कुछ श्रद्धालु फिसल गए और देखते ही देखते भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मृतकों में यूपी / उत्तरप्रदेश के 4
यह घटना सावन माह के दौरान तीर्थ स्थलों पर भीड़ नियंत्रण व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर रही है। पुलिस एवं मंदिर प्रशासन पर भीड़ प्रबंधन को लेकर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। मृतकों में बरेली निवासी 12 वर्षीय आरूष पुत्र पंकज उर्फ प्रवेश, रामपुर जिले के नगलिया कला मजरा निवासी 18 वर्षीय विक्की पुत्र रिक्का राम सैनी, बाराबंकी के मौहतलवाद निवासी वकील पुत्र भरत सिंह और बदायूं निवासी श्रीमती शांति पत्नी रामभरोसे शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के एक तीर्थयात्री ने कहा, “मैंने जो देखा, उससे लगभग 20 लोग घायल लग रहे थे। घटना के बाद, मंदिर के द्वार बंद कर दिए गए और सभी तीर्थयात्रियों को वापस जाने के लिए कहा गया।”