श्री बांकेबिहारी मंदिर के तोषखाने में रहस्य कायम, 1971 की इन्वेंट्री बनेगी कड़ी

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मथुरा| श्री बांकेबिहारी मंदिर के हाल ही में खोले गए तोषखाने (खजाने) से अपेक्षित सामग्री न मिलने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। हाई पावर कमेटी के आदेश पर किए गए सर्च ऑपरेशन में केवल सोने-चांदी की छड़ी, रत्न, चांदी का छत्र और कुछ पुराने बर्तन ही सामने आए, जिससे सेवायतों ने सवाल उठाए और ‘ठाकुर जी का माल कहां गया?’ की मांग की।

इतिहासकारों और सेवायतों के अनुसार, यह खजाना आखिरी बार 1971 में खोला गया था, जब कुछ सामग्री श्री बांकेबिहारी जी महाराज के नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), मथुरा शाखा में सुरक्षित बक्से में जमा कराई गई थी। उस समय मुंसिफ कोर्ट ने पूरी इन्वेंट्री तैयार की थी।

इन्वेंट्री की प्रतिलिपि तत्कालीन मंदिर प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष प्यारेलाल गोयल को सौंपी गई थी। इसके साथ ही कमेटी के सभी सात सदस्य और प्रबंधक कुंदनलाल चतुर्वेदी भी इसकी जानकारी रखते थे। माना जा रहा है कि बैंक में रखे बक्से में इस इन्वेंट्री की एक प्रतिलिपि सुरक्षित है।

इस महत्वपूर्ण विषय पर विचार करने के लिए हाई पावर कमेटी की बैठक 29 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। बैठक में अध्यक्ष, पुरानी इन्वेंट्री को लेकर सेवायत सदस्य और मंदिर प्रबंधक से स्पष्टीकरण और जवाब तलब करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यही पुरानी इन्वेंट्री तोषखाने की वर्तमान स्थिति का रहस्य उजागर कर सकती है।

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