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Saturday, June 21, 2025

एसआरजी का प्राथमिक विद्यालय मिर्जा नगला समय से पहले बंद

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कमालगंज। प्राथमिक विद्यालय मिर्जा नगला विकास

आईएएस महेंद्र सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश चंद्र पाल के साथ रुचि वर्मा
आईएएस महेंद्र सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश चंद्र पाल के साथ रुचि वर्मा

खंड कमालगंज में एक अप्रत्याशित घटना घटित हुई, जब विद्यालय का समय से पहले ही समापन कर दिया गया। इस घटना के बाद खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश चंद्र पाल ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रुचि वर्मा और सहायक अध्यापक मसीहुद्दीन सिद्दीकी, रानी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना BRC (ब्लॉक रेसोर्स सेंटर) के निकट स्थित विद्यालय में हुई, जिससे छात्रों और अभिभावकों में काफी असमंजस और गुस्सा है। जानकारी के अनुसार, विद्यालय प्रशासन ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए स्कूल को समय से पहले बंद कर दिया, जिससे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहां बताना जरूरी है कि इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका खुद एस आर जी है जिनका काम समस्त स्कूलों को बेहतर बनाने मे भूमिका अदा करना है उनके स्कूल की इस स्थिति से कार्यप्रणाली साफ झलकती है। खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश चंद्र पाल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले में त्वरित जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी विद्यालय को छात्रों के लिए निर्धारित समय से पहले बंद करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और यह बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है।इस घटना के बाद विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रुचि वर्मा की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। प्रधानाध्यापिका रुचि वर्मा को लेकर यह आरोप लग रहे हैं कि उनका विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होना और शिक्षा व्यवस्था को ठीक से संचालित करने में असफल होना, विद्यालय की स्थिति को गंभीर बना रहा है। रुचि वर्मा को एस आर जी (स्मार्ट रिसोर्स ग्रुप) के रूप में पूरे क्षेत्र में सुधार लाने का जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन उनके विद्यालय में समस्याएं स्पष्ट रूप से दिख रही हैं।ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानाध्यापिका रुचि वर्मा अधिकारियों के साथ तस्वीरें खिंचवाते हुए अक्सर दिखाई देती हैं, लेकिन विद्यालय में सुधार के लिए वे समय और प्रयास नहीं दे पा रही हैं। यह भी आरोप है कि मिड डे मील योजना के तहत भोजन की गुणवत्ता और आपूर्ति की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। कई बार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल पाता, और इस पर भी प्रधानाध्यापिका का ध्यान नहीं है।

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