– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष नजर में आया जिला, ब्रह्मदत्त द्विवेदी के बाद लंबे समय से उपेक्षित रहा फर्रुखाबाद
लखनऊ/फर्रुखाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जून में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी में जुटे हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस विस्तार में फर्रुखाबाद जिले को भी प्रतिनिधित्व मिलना लगभग तय माना जा रहा है। पिछले कई वर्षों से जिले को मंत्री पद से वंचित रहना पड़ा है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री की नजर में फर्रुखाबाद खास महत्व रखता है। पार्टी संगठन और क्षेत्रीय समीकरणों के अनुसार, अंबारिता (संकटमोचक चेहरा) को आगे बढ़ाया जा सकता है।
ब्रह्मदत्त द्विवेदी के बाद सियासी सूखा
फर्रुखाबाद को आखिरी बार सियासी सम्मान उस समय मिला था, जब भाजपा के दिग्गज नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी राज्य सरकार में मंत्री रहे थे। लेकिन उनके निधन के बाद जिले को न तो कैबिनेट में कोई स्थान मिला और न ही संगठनात्मक स्तर पर बड़ा प्रतिनिधित्व। यह स्थिति लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनमानस में असंतोष का कारण बनती रही।
फर्रुखाबाद जिले की तीनों विधानसभा सीटों (अमृतपुर, कायमगंज, भोजपुर) में भाजपा या सहयोगी दलों का मजबूत प्रदर्शन रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अमृतपुर सीट से सुशील शाक्य, भोजपुर से नागेन्द्र सिंह और कायमगंज से अप्रत्यक्ष समर्थन वाली स्थिति में भाजपा मजबूत स्थिति में रही। साथ ही लोकसभा चुनावों में भी यहां भाजपा को अच्छी बढ़त मिली। यह आंकड़े बताते हैं कि संगठन की जड़ें यहां मजबूत हैं और जनता का भरोसा पार्टी में कायम है।
प्रदेश सरकार के विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा जाना है। ऐसे में कानपुर मंडल के अंतर्गत आने वाला फर्रुखाबाद, जो अभी तक प्रतिनिधित्व से वंचित है, उसका नंबर आना तय माना जा रहा है। जिले की करीब 20 लाख की जनसंख्या में ओबीसी, दलित और सवर्णों का संतुलन सरकार के समीकरण में फिट बैठता है।
सूत्रों के अनुसार, अंबारिता के रूप में दो-तीन नामों पर चर्चा तेज है, जिनमें एक विधायक और एक वरिष्ठ संगठन के व्यक्ति को प्राथमिकता में रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रदेश अध्यक्ष के स्तर पर इन नामों की रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। अंतिम मुहर केवल शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर टिकी है।
मंत्री पद के साथ-साथ पार्टी संगठन में भी चुनिंदा चेहरों को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। जिलाध्यक्ष से लेकर मंडल प्रभारी और क्षेत्रीय मंत्री जैसे पदों को जनता के बीच भेजने की तैयारी की जा रही है। इससे आगामी 2027 विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार की जा सकेगी।
जून के संभावित विस्तार में यदि फर्रुखाबाद को प्रतिनिधित्व मिलता है, तो यह न केवल जिले के लिए सम्मान की बात होगी, बल्कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी की सियासी विरासत को भी नई ऊर्जा मिलेगी। जिले के हजारों कार्यकर्ताओं की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होने के करीब है।