अमृतपुर (फर्रुखाबाद): ब्लॉक क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट (Social audit) प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है। इस दौरान मनरेगा सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं में हुए कार्यों की जांच की जाएगी। ब्लॉक सभागार में आयोजित बैठक में बीडीओ सुनील कुमार जायसवाल और एडीओ पंचायत अजीत पाठक ने ग्राम पंचायत (Gram Panchayats) सचिवों और रोजगार सेवकों को सोशल ऑडिट की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बीडीओ ने बताया कि सोशल ऑडिट टीम प्रत्येक ग्राम पंचायत में खुली बैठक कर ग्रामीणों को अब तक हुए कार्यों की जानकारी देगी, जिसमें मनरेगा के कच्चे-पक्के कार्यों, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना से जुड़े कामों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद टीम मौके पर जाकर कार्यस्थल का भौतिक सत्यापन करेगी।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी सचिव व रोजगार सेवक सोशल ऑडिट टीम को पूर्ण सहयोग प्रदान करें और आवश्यक अभिलेख समय पर उपलब्ध कराएं। बीडीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच के दौरान यदि कार्य अधूरे, फर्जी या मानकों के विपरीत पाए गए, तो ग्राम सभा से संबंधित राशि की रिकवरी की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, इस सोशल ऑडिट में कुल नौ सदस्यीय टीम विभिन्न ग्राम पंचायतों का ऑडिट करेगी। बैठक में जिला सोशल ऑडिट प्रभारी सत्यवीर सिंह, सचिव प्रदीप दीक्षित, मुनीश यादव, शिव सिंह, राजीव सुमन, नौशाद अहमद, एपीओ रशीद अली सहित तमाम ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सेवक मौजूद रहे।
हालांकि ग्रामीणों के बीच यह चर्चा भी गर्म रही कि सोशल ऑडिट के नाम पर कई बार वसूली के खेल भी चल पड़ते हैं। जांच टीमों पर आरोप लगता है कि वे कार्यों की खामियों को लेकर ग्राम पंचायतों से धन की उगाही करती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस बार प्रशासन ने सख्ती दिखाई तो सोशल ऑडिट व्यवस्था पारदर्शिता की ओर बढ़ सकेगी, वरना यह सिर्फ “औपचारिकता और वसूली का माध्यम” बनकर रह जाएगी।