स्मार्ट मीटरों से परेशान : 255 परिवारों ने कटवाए स्थायी कनेक्शन, उपभोक्ता परिषद ने कहा हालात बेहद चिंताजनक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। अधिक बिल, तकनीकी खराबी और अस्थिर सप्लाई जैसी समस्याओं से त्रस्त होकर बड़ी संख्या में उपभोक्ता अब अपने बिजली कनेक्शन ही कटवा रहे हैं, जिससे बिजली व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस हालात को अत्यंत चिंताजनक बताते हुए कहा कि उपभोक्ता किसी भी कीमत पर बिजली छोड़ने को तैयार नहीं होता, लेकिन स्मार्ट मीटरों ने लोगों को मजबूर कर दिया है कि वे स्थायी रूप से कनेक्शन कटवाने जैसे कड़े कदम उठाएं।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि बांदा, झांसी, कानपुर प्रथम और कानपुर द्वितीय जोन में कुल 255 उपभोक्ताओं ने स्थायी तौर पर अपने बिजली कनेक्शन कटवा दिए हैं। यह आंकड़ा इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यह पहली बार है जब बड़ी संख्या में उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से परेशान होकर बिजली से दूरी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने भले ही स्मार्ट मीटरों को सुरक्षित, सटीक और स्मार्टफोन जैसी तकनीक का बताया हो, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी की ताजा रिपोर्ट इस पूरी व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपरोक्त चार जिलों में स्थायी रूप से कनेक्शन कटवाने वाले उपभोक्ताओं के अलावा 1973 उपभोक्ताओं के कनेक्शन अस्थायी रूप से कटे पाए गए हैं, क्योंकि वे समय पर रिचार्ज नहीं करा सके। वहीं 303 उपभोक्ताओं के मीटरों से केबल कटी मिली, 60 मीटरों के केबल क्षतिग्रस्त पाए गए, 136 मीटर बायपास स्थिति में मिले, जबकि 103 उपभोक्ताओं के मीटर मौके पर मिले ही नहीं। 23 स्थानों पर वोल्टेज ट्रांसफार्मर तक क्षतिग्रस्त पाए गए, जो पूरी तकनीकी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।

इन आंकड़ों से साफ है कि स्मार्ट मीटर न केवल तकनीकी खामियों के कारण उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं, बल्कि बिलिंग और रिचार्ज की अनिश्चितता ने आम उपभोक्ता की दैनिक जिंदगी को भी प्रभावित किया है। परिषद का कहना है कि यदि समय रहते व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो यह संकट और बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि उपभोक्ता बिजली कंपनियों पर विश्वास खोने लगे हैं।

परिषद ने ऊर्जा विभाग और बिजली वितरण कंपनियों से अपील की है कि उपभोक्ताओं की वास्तविक समस्याओं को स्वीकार करते हुए स्मार्ट मीटर व्यवस्था की तकनीकी समीक्षा की जाए, ताकि लोगों की परेशानियां कम हों और प्रदेश में बिजली आपूर्ति प्रणाली पर बढ़ रहा अविश्वास दूर किया जा सके।

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