कमालगंज। मंडी समिति परिसर स्थित सरकारी मक्का क्रय केंद्र पर इस बार मक्का की खरीद सुस्त रफ्तार से चल रही है। अब तक केवल सात किसानों से ही मक्का की खरीद संभव हो सकी है। रविवार को खरीदी गई मक्का का एक ट्रक माल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम भेजा गया।
सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के तहत किसानों को 2225 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य मिल रहा है, जो कि मंडी में व्यापारियों द्वारा दिए जा रहे 2000 रुपये प्रति क्विंटल की तुलना में 225 रुपये अधिक है। इसके अलावा, सरकारी खरीद केंद्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि भुगतान अगले ही दिन सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंच रहा है, जबकि व्यापारियों से भुगतान एक माह बाद होता है।इसके बावजूद कई किसान सरकारी खरीद केंद्र पर अपनी मक्का बेचने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
क्रय केंद्र प्रभारी गिरीशचंद्र ने बताया कि “लगातार बारिश के कारण मक्का में नमी की मात्रा अधिक है। यदि मक्का में 14 प्रतिशत से अधिक नमी पाई जाती है तो उसे केंद्र पर नहीं लिया जा सकता, क्योंकि ऐसी मक्का एफसीआई द्वारा नमूना जांच में फेल कर दी जाती है।उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल एक ट्रक माल भेजे जाने के बाद केंद्र पर स्थान उपलब्ध हो गया है, और अब 86 प्रतिशत से अधिक सूखी मक्का लेकर आने वाले किसानों को लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
किसानों को केंद्र पर मक्का बेचने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि वे समर्थन मूल्य का अधिकतम लाभ उठा सकें।इस साल भी मक्का की फसल अच्छी बताई जा रही है, लेकिन मौसम की बाधाएं और नमी की अधिकता किसानों के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हैं।
ऐसे में सरकार और प्रशासन की भूमिका अहम हो जाती है कि वे किसानों को सही जानकारी, संसाधन और सहायता उपलब्ध कराएं।