बदमाशों के गिरोह ने गांव में लगाई थी आग, अदालत ने सुनाई सजा — प्रत्येक आरोपी पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी
फर्रुखाबाद: कमालगंज क्षेत्र में 29 वर्ष पूर्व हुई आगजनी की एक बड़ी वारदात में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष दस्यु प्रभावित क्षेत्र) शैलेन्द्र सचान की अदालत ने दो सगे भाइयों सहित छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष के कठोर कारावास (imprisonment) और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
सजा पाने वालों में सुम्भारी पुत्र इच्छाराम निवासी कड़हर कमालगंज, बुद्धा उर्फ पुरुषोत्तम पुत्र रघुवीर सहाय, बब्बू पुत्र सदानंद निवासी खुटिया कमालगंज, सुरेश व श्यामनारायण पुत्रगण राधाकृष्ण निवासी बांकापुरवा कमालगंज, तथा दिनेश पुत्र स्व. ओंकार निवासी बारामऊ (हरदोई) शामिल हैं। मामला 14 दिसंबर 1996 का है। थाना कमालगंज क्षेत्र के गंगापार स्थित गांव में कुख्यात बदमाश मटरू अपने साथियों के साथ आतंक फैलाता था। घटना से कुछ दिन पहले गांव वालों ने उसे खदेड़ दिया था, जिसके बाद उसने गांव को फूंकने और ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी दी थी।
घटना वाले दिन सुबह करीब आठ बजे मटरू अपने गिरोह के साथियों बब्बू, कन्हैयालाल, सुम्भारी, श्यामनारायण, सुरेश, दिनेश और मुन्नू के साथ नाजायज हथियारों से लैस होकर गांव पहुंचा। गिरोह ने पहले फायरिंग की, जिससे दहशत फैल गई। ग्रामीण घर छोड़कर भाग गए तो बदमाशों ने गांव में धावा बोलकर कई घरों में आग लगा दी।
आगजनी में मगनलाल, सामंत, श्यामसुंदर, सुनील, सुक्खा, जयराम, अवनीश और हरिश्चंद्र के घर पूरी तरह जल गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। लंबी सुनवाई के बाद साक्ष्य और गवाहों के आधार पर अदालत ने सभी छह आरोपियों को दोषी पाया। शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय और अनुज प्रताप सिंह की प्रभावी पैरवी से अभियोजन पक्ष का पक्ष मज़बूत रहा। अदालत ने आदेश दिया कि सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर सात वर्ष का कारावास भुगतना होगा और प्रत्येक को दस हजार रुपये अर्थदंड अदा करना होगा।