एसआईटी का बड़ा खुलासा: बिना लैब टेस्टिंग के बाजार में पहुंचा जहरीला कोल्ड्रिफ कफ सिरप

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छिंदवाड़ा|बच्चों की मौत का कारण बने जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि इस सिरप की कभी लैब टेस्टिंग हुई ही नहीं। यानी बिना किसी वैज्ञानिक परीक्षण और गुणवत्ता जांच के यह सिरप सीधे बाजार में बेचा गया और मरीजों को पिलाया गया।

सूत्रों के अनुसार, सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा कंपनी की केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी ने पूछताछ में माना है कि कंपनी में लैब टेस्टिंग की समुचित व्यवस्था नहीं थी। केवल कुछ दवाओं की औपचारिक जांच होती थी, जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप को बिना किसी गुणवत्ता परीक्षण के सीधे बाजार में उतार दिया गया।

एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया कि ड्रग डिपार्टमेंट ने कंपनी की नियमित जांच नहीं की, जिससे यह जहरीला सिरप लंबे समय तक बाजार में बिकता रहा। आरोपी माहेश्वरी करीब 18 साल से फार्मा इंडस्ट्री में कार्यरत हैं और पिछले चार साल से श्रीसन फार्मा में पदस्थ थीं।

जांच के दौरान एसआईटी ने सिरप बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक रंगनाथन से भी कड़ी पूछताछ की। जांच टीम कुछ दिन पहले उसे तमिलनाडु लेकर गई थी, जहां फैक्ट्री परिसर से अहम साक्ष्य और दस्तावेज जुटाए गए। शुक्रवार शाम टीम वापस लौटी और देर रात तक माहेश्वरी तथा रंगनाथन को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई।

तीन दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद शनिवार को के. माहेश्वरी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जिला जेल भेज दिया गया। वहीं, फैक्ट्री मालिक रंगनाथन की पुलिस रिमांड 20 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।

एसआईटी अब सिरप की सप्लाई चेन और वितरण नेटवर्क की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह जहरीला सिरप किन राज्यों और अस्पतालों तक पहुंचा। टीम का मानना है कि जांच के दायरे में और भी फार्मा अधिकारी व ड्रग सप्लायर आ सकते हैं।

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