शरद कटियार: जीवन परिचय

शरद कटियार एस.एम.के प्रा० लि० के चेयरमैन और यूथ इंडिया न्यूज़ ग्रुप के संस्थापक व ग्रुप एडिटर के रूप में एक प्रतिष्ठित और साहसी पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 1980 में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय सुधीर मोहन कटियार फर्रुखाबाद के प्रतिष्ठित वकील थे, एवं माता श्रीमती निर्मला व पत्नी श्रीमती रेनू कटियार ग्रहणी हैं। उनकी एकमात्र बेटी सारा है। उनकी शिक्षा फर्रुखाबाद और कानपुर नगर में हुई है, लेकिन पत्रकारिता के प्रति उनकी समर्पण और प्रतिबद्धता ने उन्हें एक प्रमुख हस्ती बना दिया है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शरद कटियार का जन्म और पालन-पोषण फर्रुखाबाद में हुआ। वे एक साधारण परिवार से आते हैं और उनकी प्रारंभिक शिक्षा इसी क्षेत्र में हुई। उनकी शिक्षा के दौरान ही उन्हें समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी का एहसास हुआ, जिसने उन्हें पत्रकारिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी शिक्षा के दौरान उन्होंने समाज के विभिन्न मुद्दों और उनकी जटिलताओं को समझने की कोशिश की, जो आगे चलकर उनकी पत्रकारिता के दृष्टिकोण में परिलक्षित हुआ।

पत्रकारिता की शुरुआत

शरद कटियार ने अपने करियर की शुरुआत 1998 में कानपुर से प्रकाशित होने वाले स्वतंत्र भारत अखबार से की। यहां उन्होंने छह वर्षों तक काम किया और पत्रकारिता की बारीकियों को गहराई से समझा। स्वतंत्र भारत में काम करते हुए उन्होंने विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर लेख लिखे और जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान की। उनकी लेखनी की स्पष्टता और सत्यपरकता के कारण उन्हें जल्दी ही पहचान मिल गई।

साहसी और निर्भीक पत्रकारिता

शरद कटियार की पत्रकारिता में साहस और निर्भीकता का अद्भुत समन्वय था। उन्होंने समाज के उन पक्षों को उजागर किया जिन्हें अक्सर मुख्यधारा की मीडिया अनदेखा करती थी। वे भ्रष्टाचार, अपराध और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में कभी पीछे नहीं हटे। इसी निर्भीकता के कारण उन्हें कई बार खतरों का सामना भी करना पड़ा।

यूथ इंडिया न्यूज़ ग्रुप की स्थापना

शरद कटियार ने यूथ इंडिया न्यूज़ ग्रुप की स्थापना 2003 मे की। यह उनका अपने पत्रकारिता करियर में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने उन्हें एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में स्थापित किया। यूथ इंडिया का उद्देश्य सच्चाई को सामने लाना और समाज के उन मुद्दों पर प्रकाश डालना था, जिन्हें अक्सर मुख्यधारा की मीडिया अनदेखा करती है।

स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता

शरद कटियार ने कभी भी अपने समाचार पत्रों को किसी भी राजनीतिक दल की ढाल नहीं बनने दिया। उन्होंने पत्रकारिता की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने न केवल समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को उजागर किया बल्कि भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने कभी भी पत्रकारिता की आड़ में कोई अवैध धंधा पनपने नहीं दिया। शरद कटियार का मानना था कि पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य समाज को सच्चाई से अवगत कराना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। उन्होंने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कभी भी समझौता नहीं किया।

कानूनी मुद्दे और संघर्ष

शरद कटियार की निर्भीक पत्रकारिता ने उन्हें कई बार कठिनाइयों का सामना करने पर मजबूर किया। उन्होंने उन नॉन प्रैक्टिशनर वकीलों और सफेदपोश गैंग का भंडाफोड़ किया, जो कानून का दुरुपयोग कर रहे थे। इसके परिणामस्वरूप, उनके खिलाफ 54 फर्जी आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए। इसके अलावा, पुलिस ने कई बार उनके घर पर छापा मारा और संपत्ति की कुर्की की, लेकिन शरद कटियार ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हर बार इन आरोपों का सामना किया और न्याय की लड़ाई लड़ी। उन्होंने न केवल अपने खिलाफ लगे आरोपों का सामना किया, बल्कि समाज के अन्याय के खिलाफ भी आवाज उठाई।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यायपालिका का हस्तक्षेप

शरद कटियार की पत्रकारिता ने न केवल समाज में बल्कि न्यायपालिका में भी हलचल मचाई। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट समेत उच्च न्यायालय ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का संज्ञान लिया। इसके परिणामस्वरूप, वकीलों के लिए सीओपी नंबर जारी करने का प्रावधान लागू किया गया और नॉन प्रैक्टिशनर वकीलों द्वारा कचहरी परिसर में की जाने वाली हड़तालों को अवैध करार दिया गया। इस निर्णय का व्यापक प्रभाव पड़ा और उत्तर प्रदेश में लगभग साढ़े तीन लाख नॉन प्रैक्टिशनर वकीलों को कचहरियों से बाहर कर दिया गया। यह शरद कटियार की साहसी पत्रकारिता का परिणाम था, जिसने न्याय व्यवस्था में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समाज में योगदान

शरद कटियार ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा संघर्ष किया। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया। उनके लेख और रिपोर्ट्स ने न केवल समाज के मुद्दों को उजागर किया बल्कि लोगों को उन मुद्दों के प्रति संवेदनशील भी बनाया। उन्होंने हमेशा अपराध और अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज में न्याय की स्थापना के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों की आवाज बनने का काम किया और उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रयास किया।

पत्रकारिता का धर्म और सामाजिक प्रतिबद्धता

शरद कटियार ने कभी भी पत्रकारिता के धर्म से समझौता नहीं किया। उन्होंने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से समाज के सभी वर्गों की समस्याओं को उजागर किया और उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रयास किया। उनका मानना था कि पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य समाज को सच्चाई से अवगत कराना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। उन्होंने कभी भी अपनी पत्रकारिता के सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका मानना था कि कलम की साधना ही वास्तविक भक्ति है और इसी माध्यम से राष्ट्र का विकास संभव है। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से इस विचारधारा को साकार किया और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया।

व्यक्तिगत जीवन और आदर्श

शरद कटियार का व्यक्तिगत जीवन भी उनके आदर्शों और मूल्यों का प्रतिबिंब है। उन्होंने हमेशा अपने देश और जाति के प्रति गर्व और समर्पण की भावना रखी। उनका मानना था कि जिस जाति और देश में जन्म लिया, बलिदान भी उसी के लिए होना चाहिए। उन्होंने हमेशा अपने देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास किया। उनके विचार और कार्य उनके गहरे देशप्रेम और समाज के प्रति समर्पण की भावना को दर्शाते हैं। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साकार किया।