रैपुरा पेट्रोल पम्प के पास शाम 6:00 बजे दो बाइको की आमने सामने भिड़ंत में चार गंभीर घायल
जलालाबाद: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा तो दिया गया है लेकिन जलालाबाद (jalalabad) सीएचसी (CHC) में डॉक्टर बालकराम के लिए यमराज साबित हुए गंभीर हालत में बालकराम को तत्काल इलाज की आवश्यकता थी जहाँ वह घंटो एम्बुलेंस के लिए तड़पता रहा और दम तोड़ दिया दो अन्य गंभीर घायल उनके परिजन एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे जब तबियत ज्यादा बिगड़ी तो वह प्राइवेट वाहन से अपने मरीज को शाहजहांपुर ले गये।
शाम छः बजे बालकराम अपनी पुत्री दीपिका से मिलकर जरियनपुर से वापस जलालाबाद आ रहे थे जैसे ही वह रैपुरा स्थित पेट्रोल पम्प के पास पहुंचे तो जलालाबाद से कलान की तरफ जा रही बाइक से आमने सामने से टक्कर हो गई जिसमें बालकराम और उसका भतीजा और दूसरी बाइक पर सवार अन्य दो लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गये।
जिला अधिकारी का आदेश नही मानते चिकित्सा अधीक्षक सोमेश अग्निहोत्री
जब जिम्मेदार डॉक्टर ही अपनी तैनाती स्थल पर नही रुकेंगे तो घायलों का इलाज कौन करेगा यह बहुत ही विचारणीय प्रश्न है इस पर कौन कार्यवाही करेगा या नही भी करेगा यह तो भविष्य के गर्भ में हैं लेकिन मौके पर जो हालात थे उसे देखकर हर व्यक्ति स्वास्थ्य महकमे को कोसता नजर आया।
फार्मासिस्ट इलियास अख्तर और वार्ड ब्याय अभिनव श्रीवास्तव को तत्काल उपचार के लिए मीडिया कर्मचारियों ने बुलाया तब जाकर 30 मिनट बाद घायलों का उपचार शुरू हो सका लेकिन सुविधाओं का टोटा होने के बालकराम को अपनी जान गवानी पड़ गई जबकि एक सप्ताह पहले ही जिलाधिकारी और सीएमओ ने अस्पताल का निरीक्षण कर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये थे।
जलालाबाद क्षेत्र के गांव संगाहा निवासी नरेंद्र यादव अपने साथी के साथ कलान की तरफ जा रहे थे जो घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये जिसके सर और कान से खून बह रहा था सीएचसी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर बैठे परिजन जलालाबाद सीएचसी में पहुँच गये। लेकिन नही पहुंचे तो भगवान का दर्जा पाने बाले डॉक्टर और उनकी सुविधाएं जिनकी लापरवाही के चलते परिजन हंगामा काटते नजर आये और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ अपना रोष प्रकट करते नजर आये।
बहरहाल नगरिया सीएचसी पर डॉक्टरों की लापरवाही से इस तरह न जाने कितने लोग जान गंवाते होंगे यहाँ के हालात तब ऐसे थे जब ऑल इंडियन जर्नालिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष और टीवी 9 भारतवर्ष के रिपोर्टर अरविन्द त्रिपाठी किसी कार्य से ढाई घाट गये थे जहाँ से वापस आते समय वह रोड पर तड़प रहे घायलों को अपनी गाड़ी से लेकर नगरिया सीएचसी पहुंचे थे डॉक्टरों से इलाज के लिए बोला एम्बुलेंस को कई बार फोन किया लेकिन कोई भी सुविधा घायलों को नही मिल पाई।