पीलीभीत (न्यूरिया): लगभग तीन वर्ष पूर्व जटपुरा (Jatpura) गांव में हुए जानलेवा हमले और आगजनी के सनसनीखेज मामले में अपर सत्र न्यायाधीश महेशा नंद झा (Justice Mahesha Nand Jha) की अदालत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने सात आरोपियों को दोषी (guilty) करार देते हुए प्रत्येक को सात वर्ष के कठोर कारावास और 16-16 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण के अनुसार, गांव जटपुरा निवासी राम रतन ने 11 दिसंबर 2021 को सुबह 9:05 बजे थाना न्यूरिया में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उसी दिन सुबह करीब 6:40 बजे गांव के ही लालता प्रसाद और महेंद्र पाल पुत्रगण होरीलाल, कृष्ण पाल, कुंवर सिंह, पवन कुमार पुत्रगण सुंदरलाल और सुंदरलाल की पत्नी नन्ही देवी ने भूमि विवाद के चलते एक राय होकर राम रतन की झोपड़ी में घुसकर हमला कर दिया।
आरोपियों के हाथों में बंका, कुल्हाड़ी, लाठी और डंडे थे। रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने पहले गाली-गलौज की, फिर जान से मारने की नीयत से लालता प्रसाद ने राम रतन की पत्नी चांदनी के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया। होरीलाल ने भी बांका से हमला किया। इसके बाद सभी ने मिलकर राम रतन की आवासीय झोपड़ी में आग लगा दी, जिससे घर में रखा सारा सामान – अनाज, कपड़े, बिस्तर और जेवर – जलकर राख हो गया। झोपड़ी की दीवार भी गिरा दी गई। घटना के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज करते हुए घायलों का चिकित्सीय परीक्षण कराया और जांच के बाद आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामले की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की ओर से विशेष अधिवक्ता विद्या राम वर्मा ने सात गवाहों के बयान न्यायालय में प्रस्तुत किए।
सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने सातों आरोपियों को दोषी पाया और सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि जमा होने पर न्यायालय ने आदेश दिया कि उसमें से आधी धनराशि पीड़ित को क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाए। सजा पाने वालों में एक ही परिवार के सदस्य—पिता, माता और उनके पांच पुत्र शामिल हैं। सजा सुनाए जाने के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया।