फर्रुखाबाद। लोकतंत्र से सेनानी संगठन की बैठक में अत्याधिक तंबाकू सेवन पर चिंता व्यक्त की गई।इस अवसर पर कहा गया की तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों का उपयोग करने से कैंसर का खतरा बढ़ता है और उन्हें त्याग देने से जीवन की अवध बढ़ जाती है।
बैठक में कहा गया कि तम्बाकू का चलन प्राचीनकाल से चला आ रहा है, पहले लोग तम्बाकू की पत्तियां मसलकर चबाया करते थे और हुक्के के जरिये चौपालों पर बैठकर हुक्कों को गुड़गुड़ाना पुराने समय का फैशन था। वर्तमान में तम्बाकू का फैशन सिगरेट के रूप में व्यापकता से होने लगा है। तम्बाकू, गुटका, खैनी, सिगरेट के साथ बीड़ी, जर्दा, तम्बाकू वाला पान आदि के रूप में किया जाता है।
तम्बाकू ने फैशन का रूप ले लिया है और किशोर उम्र से ही व्यसन होठों से लगकर शरीर की आवश्यकता बन जाता है। तम्बाकू चबाने से और सिगरेट पीने से मुँह, फेफड़े, गले, पेट, गुर्दे, मूत्राशय एवं कैंसर, जबड़ों का बन्द होना, दिल की बीमारी, मसूड़ों की बीमारी, पैरों में गैगरीन, ब्रेन अटेक, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिल, निमोनिया, उच्च रक्तचाप, लकवा, अवसाद, नपुंसकता, ऊर्जा में कमी आदि कॉनिक बीमारियों जन्म ले रही है। महिलाओं में तम्बाकू का सेवन गर्भपात, असामान्य बच्चों के जन्म का कारण बनता है।
तम्बाकू में निकाटिन नाइट्रसामाइस, बैन्जोपाइरीनर्स और क्रोमियम आदि कैंसर पैदा करने वाले प्रमुख तत्व पाये जाते हैं। तंबाकू के मंजन से खुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दांतों का एनामल छूट जाता है ।बैठक की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष चंद्र पाल वर्मा ने की ।