फर्रुखाबाद: पत्रकार अजय चौहान को उन पर फर्जी गैंगरेप का आरोप लगाने वाली विषकन्या द्वारा धमकी देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित पत्रकार ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ दर्ज कराए गए कथित फर्जी गैंगरेप मुकदमे (fake gang rape case) के बाद एक महिला द्वारा उन्हें फोन पर धमकी दी गई। यह कथित धमकी भरी बातचीत का दूसरा वायरल ऑडियो (viral audio) अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
वायरल ऑडियो में एक महिला स्वयं को मीनू शर्मा बताती है, और उसके गैंग का गुर्गा राजीव शुक्ला इस बात की पुष्टि करता है। ऑडियो में वह अजय चौहान से कहती सुनाई देती है—“मैं तुम्हें नहीं जानती, तुम मुझे नहीं जानते… फिर मेरे खिलाफ खबर क्यों छापी?” पीड़ित पत्रकार के अनुसार, यह कॉल धमकी भरे लहज़े में की गई थी।
इसके अतिरिक्त, कई शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि यह वही मीनू है जिस पर पहले भी एक प्रधानाचार्य और एक शिक्षक को झूठे आरोप लगाकर फँसाने के आरोप लगे थे। अदालत में दिए गए उसके एक पुराने बयान का भी जिक्र किया जा रहा है, जिसमें उसने न्यायालय मैं भी जारी शपथ पत्र खुले रूप से कहा था कि उसने सब कुछ “अवधेश मिश्रा के कहने पर” किए।
आरोप है कि वकील अवधेश मिश्रा और उसकी टीम लोगों को भयभीत कर झूठे मुकदमों में फँसाने, ब्लैकमेल करने और आर्थिक व सामाजिक नुकसान पहुँचाने का गिरोह चला रहा है और वह टॉप टेन कुख्यात माफिया अनुपम दुबे का दाहिना हाथ है । वायरल ऑडियो में कथित रूप से उसी गैंग से जुड़ी विषकन्या मुस्कान का नाम भी सामने आया है, जिसे मीनू शर्मा की करीबी बताया गया है।
एक पत्रकार को धमकी दिए जाने के बाद स्थानीय पत्रकार संगठनों ने इस पर कड़ी नाराज़गी जताई है। संगठनों का कहना है कि— “सच्चाई लिखने पर धमकी मिलना प्रेस की आज़ादी पर हमला है।” उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि वायरल ऑडियो की जांच कर अविलंब कार्रवाई की जाए। पत्रकार अजय चौहान की ओर से कहा गया है कि“हम निष्पक्ष जांच, अपराधियों पर सख्त कार्रवाई और पत्रकार सुरक्षा कानून की आवश्यकता पर जोर देते हैं।”


