– बढ़पुर ब्लॉक के शहरीय इलाके मे खुला भ्रष्टाचार का अड्डा, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन
फर्रुखाबाद। बढ़पुर ब्लॉक के जसमई ग्राम में ग्राम प्रधान बनी महिला और उनके पति सदर लेखपाल संजीव दुबे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। स्थानीय निवासियों और पीड़ितों के अनुसार, इस पति-पत्नी की जोड़ी ने नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी तंत्र को निजी सुविधा का साधन बना लिया है।
जहां एक ओर पत्नी ग्राम प्रधान के पद पर रहते हुए गांव के विकास कार्यों में अनियमितता और पक्षपात के आरोप झेल रही हैं, वहीं पति संजीव दुबे पर आरोप है कि वह सदर क्षेत्र के लेखपाल पद पर रहते हुए सरकारी जमीनों, नक्शों और खसरे-खतौनी में मनमाने तरीके से नाम चढ़वाने व हटवाने का काम पैसे लेकर करते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना “लेन-देन” के संजीव दुबे कोई काम नहीं करते। पट्टों से लेकर निजी विवादों में लेखपाल की भूमिका संदिग्ध रही है। प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप और ग्राम पंचायत के निर्णयों को प्रभावित करना उनके व्यवहार का हिस्सा बन चुका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संजीव दुबे का जिले के प्रभावशाली नेताओं से नजदीकी संबंध है। लोगों का यह भी आरोप है कि सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी का संरक्षण मिलने के कारण उन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है। यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि वह खुलेआम कहते हैं – “विधायक से लेकर डीएम तक मेरे आदमी हैं, जब तक चाहेंगे तब तक ही ट्रांसफर होगा।”
पूरा नगर, खासकर जसमई और बढ़पुर ब्लॉक क्षेत्र के ग्रामीण, लेखपाल की कार्यशैली से त्रस्त हैं। फिर भी अब तक न तो लेखपाल के खिलाफ कोई विभागीय जांच शुरू हुई है, न ही ग्राम पंचायत में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाया गया।
यदि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, तो सामने आ सकती हैं कई अहम बातें—चाहे वह ग्राम पंचायत निधि के उपयोग की पारदर्शिता हो या फिर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों में लेखपाल की भूमिका।
जनता की मांग है कि जिलाधिकारी और तहसील प्रशासन इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कराएं और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।