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Wednesday, June 25, 2025

स्टेट हेड अरुनी कुमार पर वसूली, उर्वरक घोटाला, उत्पीड़न और मंदिर निर्माण के नाम पर अवैध वसूली के संगीन आरोप

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— केंद्र और राज्य सरकार ने कसी नकेल

लखनऊ। हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड के स्टेट हेड अरुनी कुमार पर भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और उर्वरक वितरण नीति के खुले उल्लंघन का बड़ा मामला सामने आया है। अब इस घोटाले में केंद्र सरकार के उर्वरक मंत्रालय और उत्तर प्रदेश शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं और मामले की प्रत्यक्ष जांच शुरू कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अरुनी कुमार और उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने मंदिर निर्माण के नाम पर डीलरों व जूनियर कर्मचारियों से लाखों रुपये की अवैध वसूली की। इस अवैध वसूली का विरोध करने वाले मार्केटिंग अधिकारी को जबरन बलि का बकरा बनाया गया उनकी मानसिक स्थिति का फायदा उठाकर धमकियां देने जैसी शर्मनाक हरकतें की गईं।

अरुनी कुमार ने कई बार कहा — “मैं किसी भी JDA के एलोकेशन का पालन नहीं करता, मुझे अपना धंधा करना आता है। जहां चाहूंगा, वहीं माल (यूरिया) भेजूंगा।’’

कई जिलों को बिना सरकारी अलॉटमेंट उर्वरक भेजा गया। एक जिले को तो 500% ओवर-सप्लाई कर दी गई, वहीं विरोध करने वाले मार्केटिंग अधिकारियों के जिलों को केवल 50% से भी कम की सप्लाई दी गई, जोकि बेहद शर्मनाक है और सरकार के फ़र्टिलाइज़र कण्ट्रोल आर्डर 1985 की धज़्ज़िया उड़ाई गई I

केंद्र सरकार और यूपी सरकार द्वारा जारी सख्त आदेशों के बावजूद अधिकारियों ने डीलरों को गैर-सब्सिडी उत्पाद (बायोस्टिमुलेंट, माइक्रोन्यूट्रिएंट) को सब्सिडी वाले यूरिया के साथ जबरन खरीदने का दबाव बनाया।

आंतरिक सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अरुनी कुमार के नेतृत्व में डीलरों को उर्वरक अलॉटमेंट रोकने की धमकी दी जाती थी। शिकायतें बढ़ने पर मंत्रालय ने अब सीधे कार्रवाई शुरू कर दी है।

केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव (उर्वरक विभाग) के पत्र दिनांक 17.11.2022 और यूपी शासन के पत्र संख्या 1773701/12-2/7/2023-294/2025 दिनांक 02.06.2025 के बावजूद नियमों की अनदेखी कर करोड़ों रुपये का अवैध खेल रचा गया।

अब कारण बताओ नोटिस जारी कर सभी जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांगा गया है, जिसमें अरुनी कुमार का नाम प्रमुखता से है।

मंत्रालय का कड़ा रुख

उर्वरक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा — “इस तरह की अनैतिक टैगिंग से किसानों का नुकसान होता है और सब्सिडी स्कीम की मूल भावना खत्म होती है। दोषियों पर कठोर कार्रवाई ज़रूरी है।”

सूत्रों के मुताबिक अगर संतोषजनक जवाब न मिला तो Essential Commodities Act 1955, Fertiliser (Control) Order 1985, और कंपनी के सर्विस रूल्स के तहत सस्पेंशन, FIR और ब्लैकलिस्टिंग तक की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने यूपी सहित कई राज्यों की गतिविधियों पर खास निगरानी और रिपोर्टिंग शुरू कर दी है। जबकि कुछ मामलों को लेकर अरुनी कुमार और उनके दो अधीनस्थों पर पहले से ही कार्यवाही चल रही है, FIR के साथ कोर्ट ने भी आदेश दिए हुए हैं, फिर भी अरुनी कुमार, धीरज कुमार मिश्रा एवं अवधेश सिंह अभी तक ससपेंड नहीं हुए, कंपनी से जानकारी माँगने पर चुप्पी साध ली गयी I

पत्रकार उत्पीड़न मामला भी जुड़ा

स्थानीय पत्रकार पर भी अरुनी कुमार से सम्बंधित खबरें रोकने का दबाव, धमकी और पुलिस-प्रशासन के जरिए फर्जी मुकदमे कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस पूरे मामले को संसद, प्रेस काउंसिल और हाईकोर्ट तक ले जाने की चेतावनी दी है।

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