फर्रुखाबाद: तहसील सदर (Tehsil Sadar) में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior advocate) उमाशंकर कटियार ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं ने भी भ्रष्टाचार के विरोध में नारेबाज़ी की और नाराजगी जताई। सूत्रों के अनुसार, भोजपुर विधायक निधि से मुसखिरिया स्थित डीपीएस विद्यालय के विकास कार्य से संबंधित एक फाइल पर भू-स्वामित्व की रिपोर्ट लगनी थी। आरोप है कि इस रिपोर्ट के लिए तहसील सदर में तैनात एक बाबू ने अधिवक्ता उमाशंकर कटियार से रिश्वत की मांग की थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता के मुताबिक, रिश्वत न देने पर संबंधित बाबू ने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया और काम को जानबूझकर लटकाए रखा। कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रभारी तहसीलदार शनि कन्नौजिया ने मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की। मंगलवार को जब अधिवक्ता उमाशंकर कटियार उक्त पत्रावली की स्थिति जानने तहसील पहुंचे, तो संबंधित बाबू ने फिर टालमटोल का रवैया अपनाया। इससे नाराज होकर अधिवक्ता ने तहसील परिसर में जमकर हंगामा किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया।
हंगामे की सूचना पर तहसील के अन्य वरिष्ठ और युवा अधिवक्ता भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने भी रिश्वतखोरी के खिलाफ रोष व्यक्त किया। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि तहसील सदर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता उमाशंकर कटियार ने बताया कि अब संबंधित पत्रावली में रिपोर्ट लगा दी गई है, लेकिन इस पूरे प्रकरण ने तहसील सदर में फैले भ्रष्टाचार की हकीकत उजागर कर दी है।


