डॉ. कस्तूरी रंगन के योगदान को किया गया याद, शिक्षा के क्षेत्र में एसएमएस लखनऊ की पहल को सराहा गया
लखनऊ: स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस (एस.एम.एस.) Lucknow परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर शिक्षा नीति के दूरगामी प्रभावों पर विस्तार से चर्चा हुई और नीति के क्रियान्वयन में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया गया।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. भरत राज सिंह, महानिदेशक (तकनीकी), ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 29 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह नीति भारतीय शिक्षा व्यवस्था को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और समावेशी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। डॉ. सिंह ने बताया कि नीति के तहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे का विकास, राज्य स्तरीय क्रियान्वयन, समीक्षा समितियों का गठन, और बजट आवंटन जैसे कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर तय किए गए हैं।
संस्थान के सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शरद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि एस.एम.एस. लखनऊ, एनईपी-2020 के उद्देश्यों को समर्पित भाव से लागू कर रहा है और इसका सीधा लाभ छात्रों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षण विधियों और पाठ्यक्रमों में निरंतर नवाचार किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर संस्थान के प्रमुख शैक्षिक और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें प्रोफेसर डॉ. धर्मेंद्र सिंह (एसोसिएट निदेशक), डॉ. प्रमोद कुमार सिंह (डीन – छात्र कल्याण), डॉ. अमित पोरवाल (प्रोफेसर), फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट के रजिस्ट्रार सुनीत कुमार मिश्रा, विभागाध्यक्ष नियति गौर, डॉ. श्रृंखला श्रीवास्तव, हिमांशु मिनोत्रा, दिव्या मिश्रा, कुलदीप कटियार, अलका वर्मा, राहुल सिंह, सुनील दुबे और महेंद्र मौर्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। गोष्ठी का उद्देश्य नई शिक्षा नीति की वास्तविक प्रगति का मूल्यांकन करना और शिक्षण संस्थानों की भूमिका को रेखांकित करना था। कार्यक्रम का संचालन और समन्वयन एसएमएस की अकादमिक टीम ने सफलतापूर्वक किया।