उठने लगे सवाल इतनी छुट्टी आखिर देता कौन है
फर्रुखाबाद (संवाददाता): कृषि कार्यों के चरम समय में खाद वितरण केंद्रों की दुर्दशा किसानों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। खासकर जब जिम्मेदार कर्मचारी ही लगातार नदारद हों। ऐसा ही मामला सचिव राजीव दुबे का सामने आया है, जिनके पास शमशाबाद, जहानगंज, जहानगंज संघ व महरूपुर बीजल जैसी महत्वपूर्ण समितियों का चार्ज है, लेकिन वह लगातार अनुपस्थित रहते हैं।
जानकारी के अनुसार, 12 जुलाई से जहानगंज समिति की मशीन खराब है, जिस कारण खाद वितरण पूरी तरह बंद है। लेकिन समस्या सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि मानवीय भी है क्योंकि सचिव राजीव दुबे स्वयं भी लापता हैं। किसान सुबह से लाइन लगाते हैं, लेकिन खाद न मिलने और सचिव के नदारद रहने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।ज्यादातर समितियों पर ताले लटके रहते हैं, और जहां ताले नहीं, वहां किसान मायूसी में खड़े नजर आते हैं। लोगों का सवाल है कि इतनी बार बार छुट्टियां किसकी अनुमति से ली जा रही हैं? क्या शासन और प्रशासन को इस गैरजिम्मेदार रवैये की जानकारी नहीं?”
किसानों का कहना है कि बुवाई के समय खाद न मिलना उनकी मेहनत और फसल दोनों को बर्बाद कर सकता है। हम रोज़ आते हैं, घंटों लाइन लगाते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है,” एक बुजुर्ग किसान ने कहा।समितियों के संचालन की निगरानी के लिए जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हैं। यह सवाल गंभीर है कि अगर एक ही व्यक्ति को कई समितियों का चार्ज दिया गया है तो फिर उस पर नियंत्रण क्यों नहीं रखा जा रहा क्या ये लापरवाही नहीं, बल्कि किसी मिलीभगत का हिस्सा है। अब किसानों की ओर से यह मांग उठ रही है कि सचिव राजीव दुबे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच की जाए और खाद वितरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
कुल मिलाकर, यह मामला सिर्फ एक सचिव की गैरहाजिरी का नहीं, बल्कि एक समूचे तंत्र की नाकामी का प्रतीक बन गया है, जहां किसान की सुनवाई सबसे आख़िर में होती है।