28 अगस्त तक चलेगा एमडीए अभियान
जिले के लगभग 11 लाख लोगों को अभियान के दौरान खिलाई जायेगी दवा
घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया की दवा
सभी लोग फाइलेरिया का समूल नाश करने के लिए खाएं दवा – एस डी एम सदर रजनीकांत
फर्रुखाबाद: जनपद सहित प्रदेश के 27 जिलों में आज से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (Filaria eradication program) शुरु हो गया है यह अभियान 28 अगस्त तक चलाया जायेगा | इस दौरान ने एस डी एम सदर (SDM Sadar) रजनीकांत ने फाइलेरिया की दवा खाकर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ किया l इस दौरान सिविल अस्पताल लिंजीगंज के चिकित्साधीक्षक डॉ राणा प्रताप, परितोष, पीसीआई से संगीता, अनुपम मिश्र और पाथ से नवीन ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया l
साथ ही सिविल अस्पताल लिंजीगंज में तैनात कर्मचारियों और मरीजों को भी दवा खिलाई गईl इस दौरान एस डी एम सदर ने कहा हमें अपने जिले से ही नहीं इस देश से भी फाइलेरिया रोग का समूल नाश करने के लिए अभियान के दौरान आपके घर पर आने वाले स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करना है l
सीएमओ डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा कि प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोग के बारे में जागरूक करेंगे साथ ही अपने सामने दवा खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जाएगा।यह दवा आपको फाइलेरिया रोग से सुरक्षित रखेगी इसको खाना है फेंकना नहीं l
सीएमओ ने कहा कि जनपद में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी और अल्बेंडालोल की निर्धारित खुराक खिलाई जाएगी । दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवाएं नहीं खिलाई जाएंगी।
वी वी डी के नोडल अधिकारी डॉ सर्वेश यादव ने बताया हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी नौशाद अली ने कहा कि अभियान के दौरान जिले के लगभग 1139987 लाख लोगों को दवा खिलाई जायेगी l इसके 1211 टीमें और 258 सुपर वाइजर लगाए गए हैं साथ ही विभाग द्वारा प्रत्येक ब्लॉक में एक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है अगर किसी को दवा खाने के बाद कोई परेशानी होती है तो टीम द्वारा फौरन उसका इलाज किया जाएगा l
सिविल अस्पताल लिंजीगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ राणा प्रताप ने बताया कि 2 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को फाइलेरिया की दवा दी जायेगी। दवा खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमार, गर्भवती और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है।
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
-मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
-घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
-आसपास पानी न जमा होने दे
-गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
-चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
-पूरी बाजू का कपड़ा पहने
-इस दौरान संजय बॉथम, नूर सहित अन्य लोग मौजूद रहे l


