नई दिल्ली। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) के प्रबंध निदेशक (MD) शिव प्रसाद मोहंती पर प्रधानमंत्री उर्वरक योजना के तहत किसानों को महंगा उत्पाद जबरन बेचने का गंभीर आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि HURL किसानों को गुजरात की निजी कंपनी बड़ोदरा एग्रो केमिकल्स लिमिटेड (BACL) के “अपना पावर माइक्रोराइज़र” खरीदने के लिए मजबूर कर रही है, जो बाजार में मौजूद अन्य कंपनियों की तुलना में तीन गुना अधिक महंगा है।
जानकारी के मुताबिक, माइक्रोराइज़र जड़ों के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इसकी कीमत आमतौर पर ₹90 प्रति किलोग्राम होती है। हालांकि, BACL का माइक्रोराइज़र ₹256 प्रति किलोग्राम की दर से किसानों को बेचा जा रहा है। आरोप है कि HURL के अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों से प्रति किलोग्राम ₹40-₹50 की अवैध वसूली की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष HURL ने करीब 11,000 टन माइक्रोराइज़र की बिक्री की है। यदि प्रति किलोग्राम ₹40 की अवैध वसूली के अनुमान को जोड़ें, तो यह घोटाला लगभग ₹44 करोड़ तक पहुंच सकता है।
HURL के MD शिव प्रसाद मोहंती पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में घिरे रहे हैं। उड़ीसा में उनके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन इसके बावजूद वह अपनी ऊंची राजनीतिक पकड़ का फायदा उठाकर उच्च पदों पर बने रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे केंद्र सरकार की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
महंगे उर्वरक की जबरन बिक्री से किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि यह उनके लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक साबित हो रहा है। किसानों ने सरकार से इस मामले की CBI या ED जांच कराने की मांग की है ताकि घोटाले का पर्दाफाश हो सके और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
अब तक सरकार की ओर से इस घोटाले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो बड़े स्तर पर घोटाले का खुलासा हो सकता है। यदि आरोप सिद्ध हुए, तो HURL के MD और अन्य अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई संभव है।
किसानों को महंगा उर्वरक खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा ।
एमडी शिवा प्रसाद मोहंती पर उड़ीसा में पहले से दर्ज हैं तीन मामले,गृह मंत्री अमित शाह के साथ तस्वीरें वायरल, सरकार की छवि धूमिल हो रही।
एचयूआरएल में हो रहे इस कथित घोटाले पर अब सबकी नजरें टिकी हैं। यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले सकता है।