सुप्रीम कोर्ट में धर्मांतरण विरोधी कानूनों को चुनौती, राज्यों से चार हफ्ते में मांगा जवाब

0
11

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में लागू धर्मांतरण विरोधी कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने के लिए सहमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई में कहा कि इस मामले पर विस्तृत विचार किया जाएगा।

पीठ ने सभी संबंधित राज्य सरकारों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन याचिकाओं पर अंतिम निर्णय आने से पहले राज्यों को अपना पक्ष मजबूती से रखना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि धर्मांतरण विरोधी कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, जबकि राज्य सरकारें इसे सामाजिक व्यवस्था और सुरक्षा के लिए आवश्यक बता रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here