लखनऊ। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसकी औपचारिक घोषणा की। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 28 अक्टूबर से यह प्रक्रिया शुरू होगी। इसका उद्देश्य राज्य की वोटर लिस्ट को अपडेट करना, मृत या फर्जी मतदाताओं के नाम हटाना और नए पात्र मतदाताओं को सूची में जोड़ना है। आयोग के अनुसार, इस बार पूरी प्रक्रिया डिजिटल सत्यापन और फील्ड जांच दोनों स्तरों पर की जाएगी, ताकि कोई त्रुटि न रह जाए।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 15.44 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। राज्य की 403 विधानसभा सीटों और 80 लोकसभा सीटों पर सभी क्षेत्रों की मतदाता सूची की गहन जांच की जाएगी। इस अभियान के लिए प्रदेशभर में 1,62,486 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की तैनाती की गई है। इनके कार्यों की निगरानी 2,445 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और 75 जिला निर्वाचन अधिकारी करेंगे।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी मतदाता अगर अपने विवरण में गलती पाता है, तो वह निर्धारित अवधि में सुधार करा सकता है। वहीं नए मतदाता ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से आवेदन देकर सूची में नाम दर्ज करा सकेंगे। आयोग का कहना है कि यह अभियान पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।





