फर्रुखाबाद। कथित संत रामपाल के नाम पर समाज में भ्रम फैलाने और आम जनता को गुमराह करने के गंभीर आरोप एक बार फिर सामने आए हैं।
फर्रुखाबाद में आयोजित एक प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय प्रवक्ता रामचंद्र यादव ने दावा किया कि पिछले 11 वर्षों से संत रामपाल के नाम का दुरुपयोग कर कुछ संगठन जनता को फर्जी दीक्षा देकर करोड़ों रुपये की अवैध उगाही कर रहे हैं।
रामचंद्र यादव ने आरोप लगाया कि रामकवर नामक व्यक्ति और उसके सहयोगी कथित तौर पर संत रामपाल के नाम पर झूठे भंडारे, दीक्षा कार्यक्रम, फर्जी पुस्तकें और वीडियो/सीडी बनाकर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये सभी गतिविधियाँ संत रामपाल जी की अनुमति के बिना की जा रही हैं और स्वयं संतजी ने इनसे कोई संबंध नहीं बताया है।
प्रवक्ता के अनुसार, “राष्ट्रीय समाज सेवा समिति”, “कबीर भक्त परमेश्वर ट्रस्ट” और “मुनेंद्र धर्मार्थ ट्रस्ट” जैसे नामधारी संगठन बनाकर देशभर में अनेकों फर्जी केंद्र खोल दिए गए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से कथित रूप से अश्लील साहित्य, मनगढ़ंत किताबें और वीडियो प्रसारित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य जनता को गुमराह कर आर्थिक शोषण करना है।
रामचंद्र यादव ने कहा कि इन संस्थाओं द्वारा बनाई गई पुस्तकों में भ्रामक और उत्तेजक सामग्री होती है, जो समाज में वैचारिक जहर घोल रही हैं। साथ ही, इन फर्जी संगठनों ने संत रामपाल जी का नाम और चित्र तक बिना अनुमति के इस्तेमाल किया है।
प्रवक्ता ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि इन संगठनों पर तत्काल कार्रवाई कर इनके केंद्रों को बंद किया जाए, तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाया गया तो समाज में वैचारिक अराजकता और ठगी का जाल और अधिक फैल सकता है।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष वैद्य अजय कुमार, हरीश सिंह (मुजफ्फरनगर), वीरेंद्र महतो (झारखंड), कृष्णदासी (खुर्जा), अरविंद, बिंदु, सुषमा और अमित (उन्नाव) सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।