– निषाद समुदाय के नेता से ऐसी उम्मीद नहीं थी, तस्वीर ने खड़े कर दिए कई सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद एक बार फिर विवादों में हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। तस्वीर में मंत्री जी कुर्सी पर आराम से फल खाते दिख रहे हैं, जबकि नीचे जमीन पर बैठे उनके ही समुदाय के कुछ लोग उनके पैर पखार रहे हैं।
जो डॉ. संजय निषाद स्वयं को निषादों के अधिकारों का पैरोकार बताते हैं, जिनके लिए उनका नाम ही एक उम्मीद की तरह लिया जाता है, वह अगर इस तरह अपने ही समाज के लोगों को जमीन पर बैठाकर सेवा कराएं, तो यह न केवल नैतिकता बल्कि सामाजिक न्याय की भी सीधी अवहेलना है।
यह दृश्य कई लोगों को विचलित कर गया। सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या यह वही नेता हैं जो हमेशा मंच से निषादों को समान अधिकार दिलाने की बातें करते हैं? क्या इस तरह का व्यवहार उस समाज को सशक्त करेगा, जिसे सदियों से हाशिए पर रखा गया है?
यह दृश्य सत्ता के अहंकार की प्रतीक तस्वीर बनकर सामने आया है। इससे यह संदेश जाता है कि जब नेता स्वयं को ‘जनसेवक’ नहीं, बल्कि ‘स्वामी’ समझने लगते हैं, तब समाज के सबसे पिछड़े तबके को सिर्फ इस्तेमाल किया जाता है, uplift नहीं।
ऐसे में निषाद समुदाय के युवाओं और जागरूक नागरिकों को सोचने की जरूरत है कि क्या वे वाकई सही नेतृत्व के हाथ में हैं? या केवल वादों के मकड़जाल में फंसे हुए हैं?