नई दिल्ली। दिल्ली में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने कहा कि दिल्ली की जनता ने किसी को नहीं हराया है बल्कि, उन्होंने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाया है। अगर हम (आप और कांग्रेस) साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो नतीजे और भी बुरे होते। दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को हटाने का मन बनाया था। अगर 10 पार्टियां भी उनके साथ होतीं तो भी वो बुरी तरह से चुनाव हारते। क्योंकि अरविंद केजरीवाल का हारना तय था।
उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी को चुनाव जीतना था, तो पिछले तीन सालों में उन्होंने जो कुकर्म किए हैं, इसे वो नहीं करते। जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को गाली दी है, उसे देना वो बंद कर देते। अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल में शराब और शीशमहल में उल्टे-सीधे काम किए हैं। उन्होंने दिल्ली की सड़कों को बर्बाद कर दिया। उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली की जनता ने वोट डाला है। जनता बेवकूफ नहीं है जो उसी खराब सरकार को दोबारा से चुनेगी।
हमें ज्यादा वोट मिलना चाहिए था
संदीप दीक्षित ने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी को ज्यादा वोट मिलना चाहिए था, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली में एंटी आम आदमी पार्टी की लहर तेजी से चल रही थी। बीजेपी ने भले ही शीश महल जैसे कुछ बातों का जिक्र किया, लेकिन कांग्रेस ने उनके खिलाफ कई जरूरी विषयों पर सवाल किया था। संदीप दीक्षित ने कहा कि जनता वाकई में इस विचार के साथ आई कि 2014 में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस चुनाव लड़ी थी, ऐसे में जनता को ये भरोसा नहीं था कि ये दोनों ही पार्टियां अभी अलग हैं।
दिल्ली की जनता ऐसा विकल्प तलाश कर रही थी, जहां पर गलती से भी उन्हें अरविंद केजरीवाल का चेहरा देखना न पड़े। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इतनी नफरत और घृणा फैली हुई थी, शायद हम भी इसे उस तरह से नहीं पढ़ पाए। दिल्ली के लोगों ने हमें भी अरविंद केजरीवाल की परछाई में देखा, इस वजह से कांग्रेस पार्टी को कम वोट मिले। मुस्लिम और दलित वोटर भी अरविंद केजरीवाल से नाराज था और वो कांग्रेस पार्टी की तरफ आना चाहता था, लेकिन वो बीजेपी को नहीं जीतने देना चाहते थे, इस वजह से उन्होंने कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी को वोट दिया।