– मुख्य आरोपी माफिया अनुपम दुबे को हाल ही में मिली थी आजीवन कारावास की सजा
फर्रुखाबाद। चर्चित शमीम हत्याकांड के वादी और मृतक शमीम के सगे भाई वसीम का शनिवार को निधन हो गया। वे काफी समय से कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। वसीम का अंतिम संस्कार समधन में किया जा रहा है, जहां परिजनों और स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है।
वसीम ने भाई की हत्या के बाद कभी हार नहीं मानी और लगातार न्याय की लड़ाई लड़ते रहे। उनकी कड़ी मेहनत और प्रयासों के चलते ही कुछ दिनों पहले अदालत ने मुख्य आरोपी कुख्यात माफिया अनुपम दुबे और उसके साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वसीम को यह संतोष अवश्य मिला कि भाई के हत्यारों को कानून ने कड़ी सजा दी।
परिवार से जुड़े लोगों के अनुसार, वसीम ने हर चुनौती का सामना करते हुए मुकदमे की पैरवी जारी रखी। दबाव, धमकियों और बीमारी के बावजूद उन्होंने न्याय की डगर नहीं छोड़ी। अदालत के फैसले के बाद वसीम ने परिजनों से कहा था कि अब उन्हें संतोष है कि शमीम की आत्मा को न्याय मिल गया है।
वसीम के निधन की खबर फैलते ही समधन क्षेत्र और उनके पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वसीम ने भाई की हत्या का बदला कानूनी लड़ाई से लिया और यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी।
वसीम की कहानी समाज को यह संदेश देती है कि अपराध कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर हिम्मत और विश्वास कायम रहे तो न्याय जरूर मिलता है। हालांकि, दुर्भाग्यपूर्ण है कि वसीम इस जीत का लंबे समय तक साक्षी नहीं रह सके और बीमारी के कारण दुनिया छोड़ गए।