– बीजेपी नें कानपुर से बनाया सांसद
– अपनी बेहतर सोच, परिश्रम और निष्ठा से राजनेता तक किया सफर मिली मंजिल
लखनऊ। राजनीति केवल पद और मंच का नाम नहीं होती, यह धैर्य, संघर्ष और समय की कसौटी पर खरे उतरने की कहानी भी होती है। कानपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश अवस्थी आज पूरे उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज सहित सर्व समाज की सशक्त आवाज़ बनकर उभरे हैं। यह पहचान उन्हें विरासत में नहीं मिली, बल्कि लगातार परिश्रम, ऊर्जा और सक्रियता से अर्जित की गई है।
चार वर्ष पूर्व का दृश्य आज भी कई लोगों को याद है। अपने गृह जनपद फर्रुखाबाद की अमृतपुर तहसील में आयोजित मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में रमेश अवस्थी शामिल होने पहुंचे थे। तब हालात ऐसे थे कि उन्हें स्थानीय स्तर पर मुख्यमंत्री के मंच पर स्थान तक नहीं मिल सका था। वह क्षण किसी के भी मन को तोड़ सकता था, लेकिन रमेश अवस्थी ने उसे अपमान नहीं, बल्कि आत्ममंथन और संकल्प का आधार बनाया।
आज वही व्यक्ति प्रदेश की राजनीति में एक सशक्त नाम बन चुका है। भारतीय जनता पार्टी ने महज़ चार वर्षों में उनकी निरंतर सक्रियता, संगठन के प्रति समर्पण और समाज के मुद्दों पर स्पष्ट आवाज़ को देखते हुए उन्हें प्रभावशाली राजनेताओं की श्रेणी में शामिल किया। आज उन्हें न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी जैसे मजबूत नेतृत्व का विश्वास और सम्मान प्राप्त है, बल्कि द्रौपदी मुर्मू जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक उनकी उपस्थिति और पहचान भाजपा के भीतर उनकी स्वीकार्यता को दर्शाती है।
पुरे समाज और खासकर ब्राह्मण समाज के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता कोई आकस्मिक घटना नहीं है। शिक्षा, सम्मान, प्रतिनिधित्व और संगठन में भागीदारी—इन सभी मुद्दों पर उनकी स्पष्ट भूमिका ने उन्हें समाज का भरोसेमंद चेहरा बनाया। यही कारण है कि प्रदेश भर में ब्राह्मण समाज उन्हें अपने प्रतिनिधि के रूप में देख रहा है।
यह कहानी केवल एक सांसद की सफलता की नहीं है, बल्कि उस समय चक्र की है जो यह सिखाता है कि राजनीति में आज का हाशिया कल का शिखर बन सकता है। भाजपा द्वारा दिया गया यह सम्मान रमेश अवस्थी की व्यक्तिगत उपलब्धि के साथ-साथ उन कार्यकर्ताओं के लिए भी संदेश है, जो आज मंच से दूर खड़े हैं—कि संघर्ष व्यर्थ नहीं जाता।
वाकई, यह बड़ी सफलता है… और समय चक्र का जीवंत प्रमाण भी।

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