– डीएम और एसपी कोतवाली पहुंचे, फरियादी ढूंढकर लाने पड़े
फर्रुखाबाद। कोतवाली सदर में शनिवार को आयोजित समाधान दिवस उस वक्त औपचारिकता मात्र बनकर रह गया जब जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक आरती सिंह की मौजूदगी के बावजूद एक भी फरियादी स्वतः उपस्थित नहीं मिला। अधिकारी पहुंचे तो कोतवाली परिसर में सन्नाटा पसरा था। यह देख प्रशासनिक अमले में कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई।
समाधान दिवस का उद्देश्य जन समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करना होता है। प्रत्येक शनिवार को थानों और कोतवालियों में इस कार्यक्रम का आयोजन शासन के निर्देश पर होता है, लेकिन कोतवाली सदर जैसी भीड़भाड़ वाली और समस्याओं से जूझती क्षेत्रीय इकाई में फरियादियों का न आना सवाल खड़े करता है।
जिलाधिकारी व एसपी के इंतजार के बीच शहर कोतवाल राजीव पांडेय ने अधीनस्थों को फरियादी ढूंढने के निर्देश दिए। काफी मशक्कत के बाद महज दो फरियादी ही अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हो सके। उन्होंने अपनी समस्याएं रखीं, जिन पर अधिकारियों ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया।
चर्चा का विषय यह भी रहा कि जब कोतवाली में शांति समिति की बैठकों में व्यापार मंडल, समाजसेवी और धर्मगुरुओं को आमंत्रण देकर बुलाया जा सकता है, तो समाधान दिवस के लिए कोई पूर्व सूचना या जन-जागरूकता की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। आम दिनों में कोतवाली में कई फरियादी अपनी समस्याएं लेकर भटकते रहते हैं, लेकिन समाधान दिवस जैसे मौके पर न आ पाना इस बात का संकेत है कि या तो उन्हें इस आयोजन की जानकारी नहीं थी या फिर व्यवस्था पर उनका भरोसा नहीं रहा।