फर्रुखाबाद। वक्फ बोर्ड से जुड़े कानून में संशोधन को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इसी क्रम में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी और उत्तर प्रदेश की पूर्व विधायक लुइस खुर्शीद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल में प्रस्तावित संशोधन संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और मुसलमानों के अधिकारों को कमजोर करने की साजिश है।
फर्रुखाबाद के दौरे पर आईं लुइस खुर्शीद ने अपने समर्थकों से मुलाकात के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि “बीजेपी यह कह रही है कि यह संशोधन पसमांदा मुसलमानों के हित में है, जबकि हकीकत यह है कि वह समाज को बांटने की सियासत कर रही है। पहले यूनिवर्सिटी के मामलों में भी अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला हुआ और अब वक्फ संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक जरूरतों से जुड़ी होती हैं, जिन्हें संविधान ने भी सुरक्षा दी है। लेकिन केंद्र सरकार बार-बार इन्हें निशाना बना रही है।
भारत में लगभग 6 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका मूल्य अनुमानित 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड के तहत 1.65 लाख से अधिक संपत्तियां पंजीकृत हैं।
पसमांदा मुसलमानों की आबादी देश के मुस्लिम समाज का लगभग 80% है, जिनके नाम पर बीजेपी सियासत कर रही है।
लुइस खुर्शीद ने कहा कि मुसलमान समझदार हैं और वो ऐसे षड्यंत्रों को पहचानते हैं। “वक्फ की संपत्तियों को छीनना केवल धार्मिक आजादी पर हमला नहीं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों की आर्थिक और सामाजिक रीढ़ तोड़ने की कोशिश है,” उन्होंने कहा।
पूर्व विधायक ने सरकार से मांग की कि इस संशोधन को तुरंत वापस लिया जाए और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
फर्रुखाबाद में अपने समर्थकों से मुलाकात के दौरान उन्होंने संगठन को मजबूती देने और बीजेपी की नीतियों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाने की भी बात कही।