– ईमानदारी और जीरो टॉलरेंस नीति से परेशान हैं सत्ता के भीतर के ही कुछ लोग
शरद कटियार
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक कड़वी सच्चाई सामने आ रही है—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम के खिलाफ सुनियोजित साजिशें रची जा रही हैं। हाल ही में हुई दो घटनाएँ इसका स्पष्ट उदाहरण हैं।पहले गोरखपुर में मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी बल्लू राय पर हमला, और फिर बाराबंकी की घटना का ठीकरा मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद और सुलझे हुए अफसर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद पर फोड़ने की कोशिश। गौर करने वाली बात यह है कि इन दोनों मामलों में आरोपियों या आरोप लगाने वालों का सीधा संबंध पार्टी के ही कुछ नेताओं से है। यह महज इत्तेफाक़ नहीं, बल्कि योगी सरकार को कमजोर करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
संजय प्रसाद जैसे अधिकारी मुख्यमंत्री योगी के साथ सिर्फ़ अपनी काबिलियत, निष्पक्षता और ईमानदार कार्यशैली की वजह से टिके हुए हैं। योगी आदित्यनाथ के करीब वही रह सकता है जो पारदर्शी, निस्वार्थ और जनता के प्रति जवाबदेह हो। यही कारण है कि चापलूस और स्वार्थी तत्व उनके इर्द-गिर्द टिक नहीं पाते।
“पंचम तल” से लेकर आज तक संजय प्रसाद ने जितनी शक्ति और जिम्मेदारी संभाली है, उतनी ताकत किसी और के पास होती तो अब तक वह सत्ता का व्यक्तिगत साम्राज्य खड़ा कर चुका होता। लेकिन संजय प्रसाद ने कभी अपनी स्थिति का दुरुपयोग नहीं किया। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपनी टीम में बनाए रखा, ताकि शासन-प्रशासन पारदर्शी और प्रभावी बने।
बाराबंकी की घटना के बाद कुछ लोगों ने संगठन मंत्री और संजय प्रसाद के खिलाफ झूठी कहानियाँ गढ़ीं। जबकि सच्चाई यह है कि संगठन मंत्री ने खुद फोन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने बैठक कर तत्काल प्रभाव से चौकी इंचार्ज से लेकर सीओ तक को हटा दिया। यानी कार्रवाई हुई भी और तुरंत हुई लेकिन अफवाह फैलाने वालों ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी ताकत उनकी जीरो टॉलरेंस नीति है। अपराध और भ्रष्टाचार पर किसी भी स्तर पर समझौता न करने की उनकी नीति ने सिस्टम को साफ़ किया है। लेकिन यही नीति कई नेताओं और प्रभावशाली चेहरों को रास नहीं आ रही। इसलिए जातिवाद से लेकर गुटबाज़ी तक के आरोप गढ़े जा रहे हैं। जबकि सच यह है कि योगी आदित्यनाथ एक संत, एक ईमानदार शासक और कर्तव्यनिष्ठ नेता हैं।
यह साफ है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को साजिशों और झूठे आरोपों से तोड़ा नहीं जा सकता। अफवाहें चाहे कितनी भी फैलाई जाएं, सच्चाई एक न एक दिन सामने आ ही जाती है। और सच्चाई यही है कि योगी सरकार जनता की भलाई और सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक साजिशें कभी भी उस नेता को कमजोर नहीं कर सकतीं, जिसने ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को अपना ध्येय बना लिया हो।