अश्लील और गालियों से युक्त वेब सीरीज़, फ़िल्में और यूट्यूब का युवाओं पर प्रभाव

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सूर्या अग्निहोत्री
मनुष्य का जीवन केवल भोजन, वस्त्र और आवास तक सीमित नहीं है। मानसिक और भावनात्मक संतुलन के लिए मनोरंजन भी उतना ही आवश्यक है। हर युग में मनोरंजन समाज का दर्पण रहा है। लोकगीत, नाटक, रामलीला, कठपुतली का खेल, रेडियो, फि़ल्में और टीवी—इन सबने अपने-अपने समय में लोगों का मन बहलाया।
लेकिन इक्कीसवीं सदी में मनोरंजन की परिभाषा बदल चुकी है। आज मोबाइल और इंटरनेट ने हर प्रकार की सामग्री (ष्टशठ्ठह्लद्गठ्ठह्ल) सीधे हाथों में पहुँचा दी है। यह बदलाव सुविधाजनक तो है, परंतु इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध वेब सीरीज़, सिनेमाघरों और टीवी से निकलकर डिजिटल स्क्रीन तक पहुँच चुकी फि़ल्में, और हर किसी को कंटेंट निर्माता बना देने वाला यूट्यूब—इन तीनों ने युवाओं की सोच, आदत और जीवनशैली पर गहरा असर डाला है। खासतौर पर तब, जब इन माध्यमों पर अश्लीलता, गालियाँ और हिंसा हावी होने लगें।
अश्लीलता और गालियों की बढ़ती प्रवृत्ति
ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म और वेब सीरीज़
वेब सीरीज़ का आकर्षण युवाओं के लिए बहुत बड़ा है। इनकी कहानी लंबी होती है, किरदार गहराई से दिखाए जाते हैं और सस्पेंस व रोमांच बनाए रखा जाता है। लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब इन कहानियों को आकर्षक बनाने के नाम पर अश्लील दृश्य और गालियाँ ठूँस दी जाती हैं।
गालियों को रियलिस्टिक डायलॉग का नाम दिया जाता है। अश्लील दृश्यों को बोल्डनेस और निडरता कहा जाता है। अपराध और हिंसा को थ्रिल बनाकर बेचा जाता है।
आजकल की कई फि़ल्मों में भी गंदी भाषा और अश्लील दृश्य एक फॉर्मूला बन चुके हैं। निर्माता मानते हैं कि दर्शक इन्हीं से आकर्षित होंगे। बड़े-बड़े सितारे भी स्क्रीन पर गालियाँ देकर या बोल्ड सीन करके ट्रेंड सेट करते हैं।
यूट्यूब ने हर किसी को कंटेंट निर्माता बना दिया है। इसमें अच्छी बातें भी हैं, लेकिन नकारात्मक पक्ष और अधिक गहरा है।
गालियों से भरे रॉस्ट वीडियो, अश्लील मज़ाक वाले कॉमेडी स्केच, बोल्ड कंटेंट के नाम पर भडक़ाऊ वीडियो, ये सब युवाओं के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। न कोई सेंसरशिप, न रोक-टोक।
युवाओं पर मानसिक प्रभाव
भाषा पर असर -बार-बार गालियों से भरे संवाद सुनने के बाद युवा भी वैसी ही भाषा बोलने लगते हैं। इससे उनकी शालीनता और सामाजिक छवि प्रभावित होती है।
सोच में बदलाव- वे मानने लगते हैं कि गाली देना या अश्लील बातें करना आधुनिकता और स्टाइल है।
चरित्र का पतन- अश्लील दृश्य देखकर उनके भीतर असंयमित प्रवृत्ति विकसित होती है। किशोरावस्था के बच्चे जल्दी भटक सकते हैं।
आदर्शों का अभाव- पहले फि़ल्मों में नायक मेहनती और ईमानदार होता था, लेकिन अब अपराधी या नकारात्मक किरदार को “हीरो” बनाकर दिखाया जाता है। युवा गलत आदर्श अपनाने लगते हैं।
मानसिक तनाव और अवसाद- हिंसक और भडक़ाऊ कंटेंट युवाओं को चिड़चिड़ा और तनावग्रस्त बना देता है।
सामाजिक प्रभाव
पारिवारिक रिश्तों में दूरी- बच्चे और माता-पिता के बीच संवाद कम होता है।
नैतिकता का ह्रास- समाज में शालीनता और संस्कार कमज़ोर पड़ते हैं।
अपराध प्रवृत्ति का प्रसार- यूट्यूब और वेब सीरीज़ में अपराध को ग्लैमराइज करने से युवा उसे सामान्य मानने लगते हैं।
समय की बर्बादी- युवाओं के अध्ययन और करियर पर विपरीत असर पड़ता है।
लोकप्रियता के कारण
आसान उपलब्धता- मोबाइल और इंटरनेट की सस्ती पहुँच।
सेंसरशिप का अभाव- टीवी और फि़ल्मों की तरह कोई कठोर नियंत्रण नहीं।
जिज्ञासा और साथियों का दबाव- किशोरावस्था में आकर्षण और दिखावा।
मार्केटिंग रणनीति- ट्रेलर और सोशल मीडिया पर बोल्ड और गालियों के क्लिप्स का प्रचार।
वाणिज्यिक लाभ- निर्माता जानते हैं कि विवादास्पद कंटेंट से पैसा जल्दी मिलता है।
समाधान की दिशा
कड़े कानून और सेंसरशिप
ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म्स, यूट्यूब और फि़ल्मों पर कड़ा नियंत्रण होना चाहिए।
शैक्षिक सुधार
सकारात्मक कंटेंट का निर्माण
फि़ल्मकारों और यूट्यूबरों को प्रेरणादायी और रचनात्मक सामग्री बनानी चाहिए।
युवाओं की आत्म-जिम्मेदारी
सबसे महत्वपूर्ण है कि युवा खुद यह तय करें कि उन्हें क्या देखना है और क्या छोडऩा है।
अश्लील और गालियों से युक्त वेब सीरीज़, फि़ल्में और यूट्यूब का युवाओं पर गहरा असर पड़ रहा है। यह असर केवल उनकी भाषा या व्यवहार तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके पूरे जीवन, परिवार और समाज को प्रभावित कर रहा है।
क्षणिक मनोरंजन के चक्कर में युवा अपने संस्कार, शिक्षा और भविष्य से दूर होते जा रहे हैं। यदि इस प्रवृत्ति पर नियंत्रण नहीं किया गया तो समाज की नींव ही कमजोर पड़ जाएगी। हमें यह समझना होगा कि मनोरंजन ज़रूरी है, लेकिन स्वस्थ और सकारात्मक मनोरंजन।
सरकार को नियम बनाने होंगे, समाज को जागरूक होना होगा, और युवाओं को आत्मसंयम दिखाना होगा। तभी हम एक स्वस्थ, संस्कारित और प्रगतिशील पीढ़ी का निर्माण कर पाएँगे।

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