फर्रुखाबाद।सहकारिता विभाग के उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल में भ्रष्टाचार और धांधली के गंभीर आरोप सामने आए हैं। वरिष्ठता क्रमांक की अनदेखी कर रिश्वतखोरी के बलबूते पर प्रमोशन दिए जा रहे हैं। ताजा मामला फर्रुखाबाद का है, जहां सेवानिवृत्त सचिव और प्रभारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा खुलेआम दलाली कर नियमों को दरकिनार कर मनमानी की जा रही है।
जिला फर्रुखाबाद में प्रबंधक पद पर कार्यरत मनमोहन कटियार, जिन्हें 76 अंक प्राप्त थे, को प्रमोशन नहीं दिया गया। इसके विपरीत कनिष्ठ भ्रष्टाचार में लिप्त विनय यादव को वरिष्ठ शाखा प्रबंधक पद पर प्रमोट कर दिया गया। यह प्रमोशन 21 जनवरी को किया गया।
सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के सचिव श्रीनाथ वर्मा पर इस भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड होने का आरोप है। विनय यादव के प्रमोशन के खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
इस पूरे मामले को सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में लाया जाएगा। पीड़ितों ने यह भी कहा गया है कि यह भ्रष्टाचार सिर्फ फर्रुखाबाद तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में सहकारिता विभाग में सपा समर्थक कर्मचारियों का प्रभाव जारी है।
इस मामले ने सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय और राज्य स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है।