लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नगर निगमों, नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में कार्यरत हजारों संविदा और ठेका सफाईकर्मियों के लिए राज्य सरकार ने बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब ठेका सफाईकर्मियों को 16,000 से 20,000 रुपये प्रतिमाह वेतन सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा।
इससे पहले ठेकेदारों के माध्यम से भुगतान होता था और अक्सर कर्मचारियों को पूरा पैसा नहीं मिलता था। कई मामलों में सफाईकर्मियों को सिर्फ 5-6 हजार रुपये तक ही दिए जाते थे, जबकि बाकी रकम ठेकेदार हड़प लेते थे।
अब सरकार ने आदेश जारी किया है कि हर सफाईकर्मी का वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए उनके खाते में पहुंचेगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सफाईकर्मियों की मेहनत का उचित सम्मान होना चाहिए।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि इस फैसले से करीब ढाई लाख से अधिक सफाईकर्मियों को सीधा फायदा होगा।
सरकार ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि कोई ठेकेदार या अफसर किसी तरह की वसूली करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह फैसला न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि सफाई व्यवस्था में भी सुधार लाएगा। सामाजिक संगठनों और यूनियनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।