– ग्राम पैथान खुर्द की तपस्विनी का अवसान
फर्रुखाबाद/कायमगंज। कायमगंज तहसील के ग्राम पैथान खुर्द की रहने वाली 25 वर्षीय साध्वी मोहिनी देवी ने बुधवार को समाधि ले ली। वर्ष 2012 से अन्न का पूर्ण त्याग कर आध्यात्मिक साधना में लीन साध्वी मोहिनी का जीवन ग्रामीणों के लिए तप और त्याग की मिसाल बन गया था।
साध्वी मोहिनी देवी, ग्रामवासी राम रतन की पुत्री थीं। उनके भाई डॉ. ब्रजेश कश्यप ने जानकारी दी कि मोहिनी देवी ने बचपन से ही पूजा-पाठ में गहरी रुचि लेना शुरू कर दिया था। युवावस्था में आते-आते उन्होंने संसारिक जीवन से पूरी तरह विरक्ति ले ली और भगवान की अराधना तथा तपस्या को ही अपना उद्देश्य बना लिया। उन्होंने विवाह न करने का निर्णय लिया और संयमित जीवन जीते हुए धर्म के मार्ग पर चलीं।
गाँव के ही एक निवासी ललित कुमार के अनुसार, साध्वी मोहिनी देवी वर्ष 2012 से अन्न का पूर्ण त्याग कर चुकी थीं। वे केवल दूध और फल के सहारे अपने शरीर का निर्वाह करती थीं। उनका जीवन पूर्ण रूप से तप और साधना को समर्पित था।
साध्वी के समाधि लेने की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। श्रद्धांजलि देने वालों में भाजपा कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के नेता एवं समाजसेवी डॉ. अरशद मंसूरी, भारतीय मोदी आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद वसीम मंसूरी, मंसूरी सोसाइटी के जिला सचिव ललित कुमार कश्यप, रविकांत गौतम सहित कई अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।
गांववासियों ने मोहिनी देवी को एक तपस्विनी, संत और मार्गदर्शक के रूप में याद किया है। समाधि स्थल पर ग्रामीणों द्वारा पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जहाँ श्रद्धालुओं ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।