– बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा के साथ फर्रुखाबाद का नाम “पांचाल नगर” करने का दिया प्रस्ताव
फर्रुखाबाद। सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर जिले से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान उन्होंने जहां एक ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों की जानकारी दी, वहीं दूसरी ओर विकास योजनाओं की स्वीकृति के साथ ऐतिहासिक पहचान से जुड़े एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री के सामने रखा।
विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि हालिया बाढ़ ने जनपद के ग्रामीण इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोगों को विस्थापित होना पड़ा और दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हुआ। उन्होंने राहत शिविरों की व्यवस्था, पुनर्वास योजनाओं और किसानों की फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति पर त्वरित निर्णय लेने का अनुरोध किया।
विधायक द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से फतेहगढ़–गुरसहायगंज मार्ग तथा कमालगंज बाईपास को जोड़ने वाले 29A राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण और 4 लेन निर्माण की वित्तीय स्वीकृति का पुनः आग्रह किया। उनका कहना था कि यह परियोजना न केवल जिले के यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों को भी गति देगी।
इसके साथ ही उन्होंने देवरामपुर–नगला खैरबन्द मार्ग पर उपरगामी सेतु (फ्लाईओवर) निर्माण हेतु शीघ्र EFC स्वीकृति का भी निवेदन किया।
मुलाकात का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु विधायक द्विवेदी द्वारा फर्रुखाबाद का नाम बदलकर “पांचाल नगर” करने का प्रस्ताव रहा। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र महाभारतकालीन पांचाल राज्य का हिस्सा रहा है।
इतिहासकारों के अनुसार, पांचाल राज्य का विभाजन उत्तर और दक्षिण भागों में हुआ था और वर्तमान फर्रुखाबाद-इटावा-कन्नौज का बड़ा इलाका दक्षिण पांचाल के रूप में जाना जाता था। यही नहीं, महाभारत की प्रमुख पात्र द्रौपदी का जन्मस्थान भी पांचाल ही माना जाता है। इसी धरती से यज्ञ स्थल पर हुए द्रौपदी स्वयंवर की कथा ने भारतीय इतिहास और संस्कृति को नई दिशा दी।
विधायक ने कहा— “फर्रुखाबाद का नाम बदलकर पांचाल नगर किया जाना केवल नाम परिवर्तन नहीं होगा, बल्कि यह हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने का प्रयास होगा। इससे आने वाली पीढ़ियां भी अपनी गौरवशाली परंपरा से परिचित होंगी।”
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यदि यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगी तथा धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
विधायक द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को लेकर जिले के बुद्धिजीवियों और स्थानीय जनता में उत्सुकता है। उनका मानना है कि अगर फर्रुखाबाद का नाम “पांचाल नगर” होता है तो जनपद की पहचान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत होगी, जिससे पर्यटन और निवेश दोनों के अवसर बढ़ सकते हैं।