– 10 जनपद, 2158 महिलाएं, 155 समूह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं (rural women) को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नया कदम उठाया गया है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) के तहत biofloc पद्धति से मत्स्य पालन की पहल शुरू की गई है, जिससे महिलाओं को स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का नया माध्यम मिलेगा। इस योजना की रूपरेखा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। उनकी दूरदर्शी सोच के अनुसार, बायोफ्लॉक तकनीक न केवल रोजगार सृजन करेगी, बल्कि कम पानी में अधिक उत्पादन के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी करेगी।
इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, मत्स्य पालन विभाग और Naturegenix संस्था के बीच त्रिपक्षीय एमओयू (MOU) किया गया है। परियोजना के अंतर्गत सिंघी मछली का पालन किया जा रहा है, जो पोषण के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह परियोजना प्रदेश के 10 जनपदों में संचालित की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, अब तक 2158 महिलाओं को जोड़ते हुए 155 उत्पादक समूहों का गठन किया जा चुका है। इन समूहों की महिलाएं प्रशिक्षण लेकर Biofloc तकनीक से मत्स्य पालन कर रही हैं। बायोफ्लॉक तकनीक के माध्यम से महिलाएं घर के आसपास ही कम स्थान में मत्स्य पालन कर सकेंगी। इससे उन्हें स्थायी आमदनी का स्रोत मिलेगा, जिससे ग्राम्य अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। परियोजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक लाभ है, बल्कि महिलाओं को निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व कौशल से भी जोड़ना है। ग्रामीण अंचलों में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित हो सकती है।