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Tuesday, August 5, 2025

महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापना पर बवाल: करनी सेना ने जिलाध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की, क्षत्रिय महासभा अड़ी

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सरकार की सहमति के बावजूद स्थानीय स्तर पर खड़ा हुआ विवाद, जनप्रतिनिधियों ने दी है लिखित स्वीकृति

फर्रुखाबाद। रोडवेज बस स्टैंड पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जहां प्रतिमा स्थापित करने के लिए पूरी तरह अड़ी हुई है, वहीं अब चात्रिय करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने संगठन के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह से इस्तीफे की मांग कर दी है।

शेखावत ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष मोहन सिंह इस मुद्दे पर निष्क्रिय रहे और क्षत्रिय समाज की भावना के अनुरूप कार्य नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप जैसे महान योद्धा की प्रतिमा के सम्मान में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इससे पहले प्रदेश सरकार ने रोडवेज बस अड्डे पर प्रतिमा स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। सांसद मुकेश राजपूत, सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, नगर पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल सहित जिले के तमाम प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने प्रतिमा स्थापना के पक्ष में अपनी लिखित सहमति प्रशासन को दे दी है।

अधिकारियों को किया गया भ्रमित

सूत्रों के अनुसार, पहले सहमति मिलने के बावजूद सपा से जुड़े कुछ स्थानीय नेता और एक विधायक सरकार के निर्णय के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने रोडवेज बस निगम के प्रबंध निदेशक को भ्रमित कर अनुमति रद्द कराने का प्रयास भी किया, जिससे मामला और अधिक उलझ गया।

क्षत्रिय महासभा का अडिग रुख

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री राघवेंद्र सिंह राजू और उपाध्यक्ष ठाकुर वीरेंद्र सिंह राठौर लगातार प्रयासरत हैं कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित हो जहां पहले से तय किया गया था। उनका कहना है कि यदि अनुमति वापस ली जाती है तो समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा।
प्रशासन पर दबाव बढ़ा

जैसे-जैसे विवाद गहराता जा रहा है, जिला प्रशासन पर भी निर्णय लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है। क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार की सहमति के बावजूद कुछ लोगों की साजिश से यह मामला बेवजह विवादित किया जा रहा है, जो समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है।

अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या अंतिम निर्णय लेता है, और क्या महाराणा प्रताप की प्रतिमा रोडवेज बस अड्डे पर स्थापित हो पाएगी या नहीं। फिलहाल पूरे जिले में यह मुद्दा गरमाया हुआ है और क्षत्रिय समाज की निगाहें प्रशासनिक फैसले पर टिकी हैं।

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