मेरठ। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। मेरठ जिले में उन पर आय से अधिक तीन करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। कार्रवाई के बाद इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, प्रेमवीर सिंह ने अपने सेवा काल में कई महत्वपूर्ण थानों की जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन शामली जिले के कैराना में कोतवाल रहते हुए उन्होंने सबसे अधिक संपत्ति अर्जित की। जांच एजेंसियों को यह संदेह है कि इस दौरान उन्होंने अवैध वसूली और अन्य तरीकों से करोड़ों रुपये जुटाए।
अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में ही उनके पास की संपत्ति उनकी वैध आय से कई गुना अधिक पाई गई है। बताया जा रहा है कि जांच टीम ने प्रेमवीर सिंह से जुड़े बैंक खातों, प्रॉपर्टी डीलिंग और जमीनों के रजिस्ट्रेशन की भी गहन छानबीन की है। कई दस्तावेजों से यह सामने आया है कि उन्होंने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां खरीदी थीं।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे में साफ लिखा गया है कि सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर ने नियमों की अनदेखी करते हुए अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल किया और आम जनता से अवैध तरीके से पैसा कमाया।
फिलहाल मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच एजेंसियां उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा करने में जुट गई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही उनकी संपत्तियों का ब्योरा सार्वजनिक किया जाएगा और यदि आरोप साबित होते हैं, तो उनकी अवैध संपत्ति जब्त भी की जा सकती है।
इस कार्रवाई से पुलिस विभाग और शासन में खलबली मच गई है। चर्चाओं का बाजार गर्म है कि यदि इस मामले की गहन जांच आगे बढ़ती है तो और भी अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं।
मेरठ का यह मामला सिर्फ एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह आने वाले दिनों में प्रदेश की पुलिस व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर बड़ी बहस छेड़ सकता है।