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Wednesday, January 29, 2025

रिम्स में सरस्वती पूजा पर रोक और अनुमति को धार्मिक रंग देने की राजनैतिक कोशिश

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– मंत्री से जोड़े जा रहे आरोप निराधार, छात्रों को उकसाने की कोशिश
– मंत्री को मामले की जानकारी भी नहीं थी
– सोशल मीडिया के जरिए हिन्दू मुस्लिम भावनाओं को भड़काने की कोशिश

रांची। देश में हिंदू मुस्लिम भावनाओं को कैसे भड़काया जाता है यह इन दिनों रिम्स में होने वाली सरस्वती पूजा प्रकरण से देखा जा सकता है ,जहां कॉलेज के निर्णय को सोशल मीडिया के जरिए मंत्री के मुस्लिम होने का लाभ उठाकर भावनाओं को भड़काने को पूरी कोशिश हो रही,जबकि मंत्री को मामले की जानकारी भी नहीं थी।राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में हर साल भव्य रूप से आयोजित होने वाली सरस्वती पूजा इस बार सीमित रूप से आयोजित की जाएगी। रिम्स प्रशासन ने यह निर्णय हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं और सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया है।

प्रबंधन ने बताया कि 24 जनवरी को कोकर क्षेत्र में रिम्स के छात्रों और बाहरी व्यक्तियों के बीच हुई झड़प में एक MBBS छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। सिर पर चोट लगने के कारण छात्र की हालत नाजुक बनी हुई है,और वह वेंटीलेटर पर है।ऐसे में होने वाली पूजा में डीजे आदि बजाना भी ठीक नहीं होता,जोर जोर पटाखे फोड़े जाते थे।जबकि प्रबंधन ने उच्चतम न्यायालय के आदेश जिसमें अस्पतालों से 200 मीटर तक ऐसे आयोजन रोके गए उसका भी ध्यान रखा।छात्र के घायल होने की घटना के बाद रिम्स परिसर में छात्रों के एक वर्ग में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया था।

डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर और रिम्स निदेशक प्रोफेसर राजकुमार की अगुवाई में एक विशेष समिति ने यह निर्णय लिया कि पूजा आयोजन को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया जाए। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि इस फैसले का राज्य के मंत्री इरफान अंसारी से कोई संबंध नहीं है।
उधर समिति के आदेश के बाद पूजा की तैयारियों में जुटे छात्रों ने प्रबंधन के इस निर्णय पर पुनर्विचार की जरूरत बताई। उनका कहना था कि 70% तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और चंदे की रकम भी इकट्ठा हो चुकी थी। जिसके बाद डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने एक उच्च स्तर की कमेटी की निगरानी में पूजा की अनुमति दी।वहीं, सोशल मीडिया पर पूजा पर प्रतिबंध को धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, व्हाटअप ग्रुप बना कर हिंदू मुस्लिम रंग देने की कोशिश हो रही जबकि प्रबंधन में सभी हिन्दू ही हैं,और ऐसे निर्णय प्रबंधन के ही होते हैं। प्रबंधन ने बताया कि आयोजन को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया। यह भी बताना जरूरी है कि छात्रों द्वारा हर वर्ष किए जाने वाले सरस्वती पूजन या इस प्रकार के अन्य आयोजन में बाहर से चंदा इकट्ठा कर जमकर हुड़दंग मचाया जाता था, डीजे आदि बजाय जाते थे। यहां के मेडिकल छात्रों का व्यवहार हुड़दंगी छात्रों जैसा हो गया है जिससे आम जनमानस भी परेशान रहने लगा है। I अपराधिक प्रवृत्ति के कारण यहां के छात्रों का आचरण चर्चा का विषय है जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित होती थी, यह निर्णय डीन स्टूडेंट वेलफेयर द्वारा लिया गया जो कि छात्र हित में ही है ।उद्देश्य सिर्फ शांतिपूर्ण ढंग से पूजा संपन्न करना था जिसे जानबूझकर हिंदू मुस्लिम भावनाओं को भड़काने से जोड़ा जा रहा है।

सुरक्षा के लिए गठित समिति
रिम्स प्रबंधन ने पूजा आयोजन के लिए डॉ. शिव प्रिय, डॉ. लखन मांझी, डॉ. सुनंदा झा, डॉ. रेखा शर्मा, डॉ. देवेश कुमार, और डॉ. संदीप कुमार की एक समिति बनाई है। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि पूजा नियंत्रित रूप में हो और अस्पताल परिसर की शांति प्रभावित न हो।

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